एथेंस, 6 नवंबर (आईएएनएस)। आर्थिक संकट से जूझ रहे यूनान की संसद ने विदेशी बेलआउट पैकेज पाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए शुक्रवार को एक और विधेयक को मंजूरी दी। इसमें वे प्रावधान किए गए हैं जो विदेशी मदद पाने के लिए जरूरी हैं। अंतर्राष्ट्रीय कर्जदाताओं ने कर्ज के लिए जो शर्ते रखी हैं, इस विधेयक में उन्हें पूरा करने के प्रावधान किए गए हैं।
एथेंस, 6 नवंबर (आईएएनएस)। आर्थिक संकट से जूझ रहे यूनान की संसद ने विदेशी बेलआउट पैकेज पाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए शुक्रवार को एक और विधेयक को मंजूरी दी। इसमें वे प्रावधान किए गए हैं जो विदेशी मदद पाने के लिए जरूरी हैं। अंतर्राष्ट्रीय कर्जदाताओं ने कर्ज के लिए जो शर्ते रखी हैं, इस विधेयक में उन्हें पूरा करने के प्रावधान किए गए हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार इस विधेयक के मसौदे में सरकारी खर्च को कम करने के कई तौर तरीकों का जिक्र किया गया है। इसमें किसानों द्वारा कृषि कार्य के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डीजल पर कर बढ़ाना भी शामिल है। इस प्रावधान का कड़ा विरोध किया जा रहा है।
300 सदस्यीय संसद में विधेयक के पक्ष में 153 और विपक्ष में 118 मत पड़े।
अक्टूबर के मध्य में इसी से मिलता-जुलता एक विधेयक मंजूर किया गया था। इसके तहत साल के अंत तक यूनान को तीन अरब यूरो का कर्ज मिलेगा। यह तीसरे बेलआउट पैकेज का हिस्सा होगा।
अधिक अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मदद पाने के लिए यूनान सरकार ने दिसंबर में पेंशन सुधार का वादा किया है। साल के अंत तक यूनान के बैंकों को पूंजीगत ढांचे का समायोजन भी करना है ताकि कर्ज में राहत मिलने पर बात शुरू हो सके।
सरकार का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, गहरी मंदी और छह साल से चली आ रही कर्ज समस्या से निपटने के लिए ये कड़वे घूंट पीने पड़ेंगे।
नए प्रावधानों के खिलाफ श्रम संगठनों और सामाजिक संगठनों ने नए सिरे से हड़ताल की चेतावनी दी है।
शिक्षा बजट में कटौती के खिलाफ छात्रों ने हाल में प्रदर्शन किया था।
पेंशन पाने वालों और विकलांगों ने भी पेंशन और उन्हें मिलने वाली सामाजिक सुविधाओं में कटौती के खिलाफ प्रदर्शन किया है।