नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि संघर्ष प्रभावित यमन से 350 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालकर जिबूती लाया गया है, जहां से भारतीय वायु सेना के एक विमान द्वारा बुधवार को उन्हें स्वदेश लाया जाएगा।
सुषमा ने बुधवार को किए गए एक ट्वीट में कहा कि विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह यमन के पड़ोसी देश जिबूती में हैं और भारतीय नौसेना तथा भारतीय वायु सेना के साथ अभियान का समन्वय कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सुरक्षित निकाले गए भारतीयों को लेकर आईएएफ का एक ग्लोबमास्टर परिवहन विमान कोच्चि में, जबकि दूसरा मुंबई में उतरेगा।
सुषमा ने कहा, “भारतीय नौसेना की सहायता से अदन से बाहर निकाले गए भारतीय नागरिक जिबूती पहुंच चुके हैं। उन्हें आईएएफ के विमान से आज (बुधवार) भारत लाया जाएगा। देर शाम को एक विमान कोच्चि, जबकि दूसरा मुंबई में उतरेगा।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि बाहर निकाले गए 350 भारतीय नागरिकों में 206 केरल, 40 तमिलनाडु, 31 महाराष्ट्र, 23 पश्चिम बंगाल, 22 दिल्ली, 15 कर्नाटक तथा 13 आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के निवासी हैं।
राजनीतिक संकट से जूझ रहे यमन के अदन से भारतीयों को नौसेना के जहाज आईएनएस सुमित्रा से सुरक्षित गुरुवार देर रात जिबूती पहुंचाया गया।
यमन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के अभियान ‘ओप राहत’ के तहत दो युद्धपोत आईएनएस मुंबई और आईएनएस तरकश यात्री पोत कवारत्ती और कोरल्स के साथ कोच्चि तट से जिबूती के लिए रवाना हो चुके हैं।
यमन में 22 जनवरी को शिया हौती विद्रोहियों ने राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी का तख्ता पलट कर राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद से वहां संघर्ष जारी है। सऊदी अरब के नेतृत्व में 10 अरब देशों की गठबंधन सेना ने हौती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।
अकबरूद्दीन ने कहा कि आईएएफ का विमान सी-17 ग्लोबमास्टर जिबूती पहुंच चुका है और जल्द ही दूसरा विमान भी पहुंचने वाला है।
अकबरुद्दीन ने ट्विटर पर लिखा, “आईएएफ का पहला विमान सी-17 ग्लोबमास्टर जिबूती पहुंच चुका है। दूसरा विमान जल्द ही वहां पहुंच जाएगा।”
यमन के बंदरगाह शहर अदन से आईएनएस सुमित्रा मंगलवार रात कुल 348 भारतीय नागरिकों को लेकर जिबूती रवाना हुआ था, जिनमें 101 महिलाएं और 28 बच्चे शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, संकटग्रस्त यमन में इस समय लगभग 4,000 भारतीय फंसे हुए हैं।