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 ‘मोहल्ला अस्सी’ : गाली और फूहड़ता का कॉकटेल | dharmpath.com

Monday , 25 November 2024

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‘मोहल्ला अस्सी’ : गाली और फूहड़ता का कॉकटेल

बॉलीवुड में आजकल फिल्मों को हिट बनाने के लिए कुछ ऐसा करना फैशन बन गया है, जिससे वह रिलीज से पहले ही सुर्खियों में आ जाए। सुर्खी फिर चाहे फूहड़ता के चलते हो या आस्था के साथ खिलवाड़ के चलते।

बॉलीवुड में आजकल फिल्मों को हिट बनाने के लिए कुछ ऐसा करना फैशन बन गया है, जिससे वह रिलीज से पहले ही सुर्खियों में आ जाए। सुर्खी फिर चाहे फूहड़ता के चलते हो या आस्था के साथ खिलवाड़ के चलते।

सनी देओल अभिनीत आगामी फिल्म ‘मोहल्ला अस्सी’ इसका उदाहरण है। इसका प्रोमो लीक क्या हुआ, यह स्क्रीन पर आने से पहले ही सुर्खियों में आ गई। इसे लीक किया गया, हो गया या कराया गया पता नहीं, हां फिल्म के संवाद, कामुक दृश्य और धड़ाधड़ गालियों ने केवल हंगामा खड़ा किया। वहीं, ऐसा भी लगता है कि इसकी रिलीज की राह को भी कठिन कर दिया है।

इसका निर्देशन लोकप्रिय धारावाहिक ‘चाणक्य’ के जरिए घर-घर में पहचान बना चुके मौजूदा सेंसर बोर्ड सदस्य चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किया है।

वह कहते हैं कि प्रोमो लीक करना किसी सिरफिरे की साजिश है। ‘मोहल्ला अस्सी’ चर्चित लेखक और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार काशीनाथ सिंह के उपन्यास ‘काशी का अस्सी’ पर आधारित है। ‘मोहल्ला अस्सी’ में गालियों और फूहड़ता की भरमार से काशीनाथ भी हैरान हैं। उन्होंने कहा, “शूटिंग के दौरान मैं मौजूद था और जहां तक जानता हूं, फिल्म की भाषा किताब वाली ही है, इसमें गाली कहां से आ गई, पता नहीं। मेरी किताब में पात्र की अंतरात्मा उसे तारती है और वह अपने हित में सोचता है। शिव द्वारा गाली दिए जाने का सवाल ही नहीं उठता।”

दो मिनट 46 सेकंड का प्रोमो भले ही अधिकृत न हो, लेकिन सवाल यह है कि पूरी फिल्म में कितनी जगह काट-छांट की जाएगी? प्रोमो से ही लगता है कि पूरी फिल्म में बनारस की स्थानीय बोली की आड़ में गालियां, फूहड़ता और कामुक दृश्य परोसे गए हैं।

फिल्म के उस कथित प्रोमो में दर्जनभर से ज्यादा बार गालियां, अश्लील और द्विअर्थी शब्द हैं। फिल्म में सनी देओल के अलावा छोटे पर्दे का जाना-माना चेहरा साक्षी तंवर भी हैं। भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रवि किशन भी अहम भूमिका में हैं। इसके अलावा सौरभ शुक्ला व मुकेश तिवारी भी हैं।

मान लिया जाए कि प्रोमो लीक हुआ, लेकिन क्या स्टार कास्ट के अश्लील और फूहड़ संवाद बनारस की संस्कृति और अस्सी घाट का सही वर्णन है? फिल्म हिट करने और पैसा कमाने के नाम पर दर्शकों को कुछ भी परोस देना कितना उचित है? अब इतना तो तय है कि जो फिल्म आएगी, उसमें इसे सुधारा जाएगा, लेकिन सवाल फिर वही कि क्या प्रोमो फिल्म का हिस्सा नहीं है?

एक हिंदी चैनल को दिए साक्षात्कार में सनी देओल ने कहा कि जिन शब्दों का प्रयोग किया गया है, वे बनारस में बोले जाते हैं। जिस ढंग से बनारस में बात की जाती है, उसी ढंग के संवाद हैं।

उन्होंने ताल ठोंक कर कहा, “फिल्म में ऐसी कोई चीज है ही नहीं, जो परिवार के साथ न देखी जाए।” लीक हुए प्रोमो या ट्रेलर जो भी कहिए, वही परिवार के साथ बैठकर देखने लायक नहीं है तो फिल्म की क्या गारंटी?

खैर, वजह जो भी हो, सवाल यही है कि फिल्म के प्रचार का यह कौन-सा फंडा है, जो गाली-गलौज और फूहड़ता के नाम पर पवित्र काशी की संस्कृति की दुहाई दी जाए?”

काशी अपने आप में एक पौराणिक स्थल है। भोले की नगरी है। कहते हैं, काशी अजर-अमर है, निष्पाप है। उसी काशी का यह विकृत रूप भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या है?

‘मोहल्ला अस्सी’ में बताई गई काशी न कभी ऐसी थी और न हो सकती है। अब रही बात फिल्म की, तो लोगों की भावनाओं और धार्मिक मान्यताओं पर कुठाराघात करने वाली यह फिल्म रिलीज होगी या सेंसर बोर्ड की कैंची का शिकार होगी, पता नहीं।

हां, चाणक्य का किरदार और सेंसर बोर्ड सदस्य चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन पर सवाल जरूर खड़े हो गए हैं। फिल्म के नाम पर ‘मोहल्ला अस्सी’ में गाली, फूहड़ता का कॉकटेल है। अश्लील और द्विअर्थी संवादों की भरमार है।

फिल्म ने रिलीज के पहले ही विवादों में आकर खूब प्रचार पा लिया है, जिसका फायदा जरूर मिलेगा। लीक प्रोमो या फिल्म के हिस्से और फिल्म की सेंसर बोर्ड से पहले गोपनीयता बनाए रखना, फिल्म बनाने वालों की जिम्मेदारी है। इसके बावजूद ये आसानी से बाहर आ जाए और यू-ट्यूब से एक बार हट जाने के बाद दोबारा अपलोड हो जाए, ये गड़बड़झाला कुछ समझ में नहीं आता।

बहरहाल, चंद्रप्रकाश द्विवेदी इसे किसी विकृत मानसिकता की कारगुजारी कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं। वहीं, प्रोमो देखकर लोग इसे बनारस को विकृत बताने का कुत्सित प्रयास कह रहे हैं। बनारस क्या दुनियाभर में भारतीय संस्कृति और सभ्यता से सरोकार रखने वाले लोग इससे खासे नाराज हैं। इसे काशी और भारत के साथ भद्दा मजाक बता रहे हैं।

सुमेरु पीठ के शंकराचार्य स्वामी नागेंद्र सरस्वती ने इसके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। एक खास गाली को काशी का स्वाद बताया गया है, जिससे भी लोग आहत हैं। फिलहाल जो भी हो, सारा माजरा अब फिल्म रिलीज के बाद ही सामने आ पाएगा।

(लेखक एक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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