नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां उद्यमिता को बढ़ावा देने और उसके अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए स्टार्ट-अप इंडिया कार्ययोजना की घोषणा की। इसमें तीन वर्षो तक कर वसूली पर रोक और उद्यम पूंजी निवेश पर पूंजीगत लाभ शुल्क से छूट जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
मोदी ने स्टार्ट-अप्स के लिए जिन लाभों की घोषणा की, उनमें स्वसत्यापन और निरीक्षण से तीन वर्ष की छूट, एक ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप, पेटेंट आवेदन शुल्क में 80 प्रतिशत की कटौती और मदद के लिए एक केंद्र भी शामिल हैं।
यहां विज्ञान भवन में आयोजित स्टार्ट-अप इंडिया कार्ययोजना के शुभारंभ समारोह में प्रधानमंत्री ने नए उद्यमियों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष की भी घोषणा की। उन्होंने सरकारी खरीदारी में समान अवसर, 500 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी योजना और आसान एक्जिट नियमों की भी घोषणा की।
मोदी द्वारा घोषित लाभों में सार्वजनिक-निजी साझेदारी मोड के तहत 35 नए इनक्यूबेटर, राष्ट्रीय संस्थानों में 31 नए नवाचार केंद्र, सात नए अनुसंधान पार्क, पांच बायो-क्लस्टर और सेक्टर केंद्रित इनक्यूबेटर, प्रयोगशाला, इनक्यूबेशन पूर्व प्रशिक्षण और बीज धन सहित एक मिशन भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, “हम यह सुनिश्चित कराना चाहते हैं कि हम स्टार्ट-अप्स के साथ यथासंभव कम से कम हस्तक्षेप करें। इसके लिए हमने स्वसत्यापन पेश किया है। तीन वर्षो तक कोई निरीक्षण नहीं होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्टार्ट-अप्स से संबंधित सभी कानूनों को एकसाथ मिलाना चाहती है और इस संदर्भ में उन्होंने विपक्ष की खिल्ली उड़ाई। उन्होंने कहा, “आप सभी जानते हैं कि यह सब कहां फंसा है। आप इंटरनेट का प्रयोग करें और उनसे कहें कि महत्वपूर्ण मामले संसद में पारित किए जा सकते हैं।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज जनता देश के शासन में जो अंतर पाएगी वह यह कि आज शनिवार है और आधिकारिक रूप से छुट्टी का दिन है, शाम छह बजे के बाद किसी गतिविधि का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन आज इतना विशाल आयोजन चल रहा है।
मोदी ने कहा कि वह चाहते हैं कि युवा आज रोजगार मांगने के बदले रोजगार प्रदाता बने। उन्होंने कहा, “मैं इस सभाकक्ष में ऊर्जा देख रहा हूं। यह देश भर के हमारे युवाओं के अंदर मौजूद उत्साह को जाहिर कर रहा है।”
दिनभर के आयोजन के दौरान हितधारकों, मंत्रियों और विशेषज्ञों के बीच नवाचार और वित्तीयन से लेकर महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने व सलाह देने तक के विषयों पर कई चर्चा सत्र आयोजित हुए।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने संबोधन में दिनभर की चर्चा का जिक्र करते हुए कहा, “आज यह एक शानदार अनुभव हुआ है। यह न सिर्फ देश के सामाजिक पहलू में एक बदलाव का प्रतीक है, बल्कि देशवासियों की सोच में एक बदलाव का प्रतीक भी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वह स्टार्ट-अप्स के लिए सिर्फ एक सहयोगी बने। उन्होंने कहा, “स्टार्ट-अप्स के साथ हमारा संबंध सिर्फ वर्ष के अंत में उस समय होगा, जब वे अपने कर का भुगतान करेंगे।”
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीता रमण ने भी इसी तरह की बात कही। उन्होंने कहा कि देश के लिए स्टार्ट-अप्स क्या कुछ कर सकते हैं, इस पर चर्चा काफी प्रभावोत्पादक रही।
उन्होंने कहा, “स्टार्ट-अप्स ने खुलकर और स्पष्ट तौर से अपनी बात रखी, और हमने उनके संदेश को सुना है।”
अंतिम सत्र में जिन लोगों ने अपनी बात रखी, उसमें सॉफ्टबैंक के मासायोशी सॉन, ग्रेऑरैंज के समय कोहली, लाइमरोड की सुचि मुखर्जी, इनमोबी के नवीन तिवारी, ओसिमम की अनुराधा आचार्य, प्रैक्टो के शशांक एन.डी., वीवर्क के एडम न्यूमैन, पेपरबोट के नीरज कक्कड़ और ओयो के रितेश अग्रवाल शामिल थे।