गुवाहाटी, 6 जुलाई (आईएएनएस)। असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में असम की अनदेखी की गई।
असम के मुख्य शहर गुवाहाटी में संवाददाता सम्मेलन में गोगोई ने कहा, “असम की जनता की ओर से भाजपा को दिए गए शासन के अधिकार को देखते हुए मंत्रिमंडल में कम से कम दो मंत्री शामिल किए जाने चाहिए थे, जिनमें कम से कम एक कैबिनेट मंत्री होता।”
गोगोई ने सवाल किया, “केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठकों में असम की जतना की इच्छाओं और आकांक्षाओं को किस तरह रखा जाएगा?” उन्होंने कहा कि मोदी द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान असम की व्यापक तौर पर उपेक्षा की गई।
गोगोई ने भाजपा नेतृत्व वाली असम सरकार की 127 वस्तुओं पर मूल्य वर्धित कर (वैट) बढ़ाने और पेट्रोल और डीजल पर दिए जा रहे अनुदान को खत्म करने के फैसले को लेकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि इससे राज्य की जनता को बहुत कड़ी चपत लगी है।
गोगोई ने कहा, “भाजपा ने चुनाव अभियान के दौरान अच्छे दिन का प्रचार किया था, लेकिन वे अच्छे दिन असम की जनता देख रही है।” उन्होंने सवाल किया, “उनके वादे वाले अच्छे दिन कहां हैं? मैं यह स्वीकार करता हूं कि मैं मूल्य वृद्धि रोकने में नाकाम रहा, लेकिन भाजपा भी इसमें क्यों असफल है?”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “हमलोग नाकाम रहे और जनता ने हमें वोट नहीं दिया। उसने भाजपा को अच्छे दिन की उम्मीद के साथ वोट दिया और अब राज्य सरकार इसके ठीक उल्टा कर रही है।” उन्होंने कहा कि हालांकि मुख्यमंत्री ने राज्य की व्यवस्था को मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने का निर्देश दे रखा है, लेकिन प्रशासन और नौकरशाह अब तक इसमें असफल हैं।