कोलंबो, 14 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्ध से तबाह हुए श्रीलंका के तमिल बहुल उत्तरी प्रांत जाफना का दौरा किया, जहां उन्होंने भारतीय सहायता से बने मकानों को विस्थापित स्थानीय तमिलों को सौंपा। मोदी जाफना का दौरा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हो गए हैं।
मोदी ने जाफना में सांस्कृतिक केंद्र की भी आधारशिला रखी। श्रीलंका के उत्तरी प्रांत का दौरा करने वाले मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के बाद दूसरे विदेशी नेता हैं। कैमरन साल 2013 में जाफना आए थे।
प्रधानमंत्री ने एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया, “जाफना सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखी।”
मोदी शुक्रवार को कोलंबो पहुंचे, जहां श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने हवाईअड्डे पर उनका स्वागत किया। बाद में सिरिसेना ने उनका औपचारिक स्वागत किया।
वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट कर बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाफना पब्लिक लाइब्रेरी में उत्तरी प्रांत के मुख्यमंत्री सी.वी. विघ्नेश्वरन से मुलाकात की।”
मोदी दिन की शुरुआत में उत्तर मध्य प्रांत की राजधानी अनुराधापुर पहुंचे, जहां उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के साथ महाबोधि वृक्ष की प्रार्थना की।
अनुराधापुर दौरे के बाद मोदी ने तलाईमन्नार कस्बे में एक रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई। इस सेवा से तलाईमन्नार-मेदावाचचिया क्षेत्र से कोलंबो तक रेल सेवा का रास्ता खुल गया है।
सिरिसेना के साथ उन्होंने तलाईमन्नार 1650 पियर रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया।
भारत के सहयोग से बने जाफना आवास परियोजना में 27 हजार परिवारों को शरण मिलेगी।
इस मौके पर मोदी ने कहा, “इस परियोजना में 27 हजार परिवारों को आवास मिलेगा। ये मकान केवल ईंट और पत्थर से नहीं बने हैं, बल्कि जरूरतमंदों के दुख को साझा करने और उनकी मदद के लिए एक मौका है।”
उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को धन मुहैया कर उन्हें स्वयं आवास निर्माण के लिए प्रेरित करने वाली परियोजना का विचार गुजरात में वर्ष 2001 में आए भूकंप के बाद शुरू हुआ था।
इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रीलंका तथा भारत का संबंध खास है। उन्होंने कहा, “हम केवल पड़ोसी ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े हैं।”
उन्होंने कहा कि तलाईमन्नार रेलवे परियोजना से क्षेत्र की आर्थिक प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।
तलाईमन्नार पीयर से मधु रोड तक 60 किलोमीटर की दूरी में फैली रेलवे लाइन उत्तरी प्रांत को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी।
मोदी ने शुक्रवार को श्रीलंका की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि कोलंबो ने मई 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (एलटीटीई) को अपनी बेहतरी के लिए खत्म किया था।
संसद में उन्होंने कहा कि श्रीलंका ने सफलतापूर्वक आतंकवाद को हराया और एक लंबे संघर्ष का खात्मा किया, जिसमें साल 1983 से लेकर 2009 तक हजारों लोगों की जान गई।
भारतीय प्रधानमंत्री की बीते 27 सालों के बाद श्रीलंका की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने साल 1987 में श्रीलंका की यात्रा की थी। तीन देशों की यात्रा के तहत यह उनका अंतिम पड़ाव है। इससे पहले उन्होंने मॉरिशस तथा सेशेल्स की यात्रा की।