पेरिस, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। फ्रांस की विमान विनिर्माता प्रमुख कंपनी ‘एयरबस इंडस्ट्री’ ने यहां शनिवार को अपने विशाल परिसर में कहा कि कंपनी की ए320 श्रेणी के प्रत्येक विमान में आज ‘मेड इन इंडिया’ का एक टैग है, और इसके साथ ही कंपनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वासन दिया कि भारत को आउटसोर्सिग बढ़ा कर दो अरब डॉलर करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
मोदी और उनके प्रतिनिधिमंडल के स्वागत में लगाए गए कई होर्डिग्स में से एक पर लिखा हुआ था : पिछले वर्ष तक भारत से एयरबस की कुल खरीदारी 40 करोड़ डॉलर थी, और अब इसे 2020 तक बढ़ाकर दो अरब डॉलर किया जाएगा।”
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट कर कहा, “अगले पांच सालों में 500 प्रतिशत वृद्धि।”
प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट किया, “एयरबस परिसर का दौरा चकित करने वाला। वे मेक इन इंडिया पहल को लेकर बहुत उत्साहित हैं।” मोदी पेरिस से 1996 के एक विंटेज बोइंग 747-437 विमान से यहां उतरने के बाद सीधे एयरबस परिसर पहुंचे।
इस मौके पर एयरबस के शीर्ष अधिकारियों ने भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा विमान की आवश्यकता पर अपने आकलन भी पेश किए। आकलन में कहा गया कि भारत को अगले 20 वर्षो में 1,291 विमानों की आवश्यकता होगी।
एक अन्य विशाल होर्डिग्स पर लिखा था, “ए320 श्रेणी का हरेक विमान अब आंशिक तौर पर भारत निर्मित है।” एयरबस परिसर के इस दौरे के दौरान मोदी के साथ एयरबस समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम एंडर्स के नेतृत्व में एक टीम उनका मार्गदर्शन कर रही थी। एंडर्स ने कहा कि उनका समूह भारत के साथ एक मजबूत औद्योगिक रिश्ता कायम करने को उत्सुक है।
एंडर्स ने कहा, “भारत हमारी अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों में पहले से केंद्र में है और हम अपने उत्पादों में इसके योगदान को भी बढ़ाना चाहते हैं। हम प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया आह्वान का समर्थन करते हैं और भारत में भारत और दुनिय के लिए विनिर्माण करने को तैयार हैं।”
मोदी को इस बारे में बताया गया कि भारत से एयरबस की खरीदारी बढ़ने वाली है, क्योंकि कंपनी ने स्थानीय कंपनियों के साथ अतिरिक्त विनिर्माण एवं इंजीनिरिंग कार्य पैकेज की तथा समूह की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उनके एकीकरण की योजना बनाई है।
एयरबस समूह ने कहा कि भारतीय साझेदारों के साथ इस तरह की साझेदारी इंजीनिरिंग, पायलट प्रशिक्षण, उपभोक्ता सेवा और रखरखाव, मरम्मत व ओवरहॉल क्षमता, या एमआरओ जैसे क्षेत्रों में होगी।
65 अरब डॉलर का एयरबस समूह भारत में पहले से दो इंजीनियरिंग केंद्र संचालित कर रहा है : एक नागरिक उड्डयन पर केंद्रित है और दूसरा रक्षा पर। इसका एक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र भी है। भारत में एयरबस के सभी केंद्रों में 400 से अधिक उच्च योग्यता वाले लोग कार्यरत हैं।
समूह ने कहा कि कई भारतीय कंपनियों -सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, महिंद्रा समूह, टाटा, विप्रो, लार्सन एंड टूब्रो, और इंफोसिस टेक्न ॉलॉजीज- को वह अपना साझेदार मानती है।
एयरबस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “समूह देश में सैन्य परिवहन विमान और हेलीकॉप्टरों के लिए संबंधित अधोसंरचना और आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करेगा तथा अंतिम एसेम्बली इकाइयां स्थापित करेगा।”
मोदी जब फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस के लिए रवाना होने को तैयार थे, तो एयरबस समूह ने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी समूह की भारत में सक्रिय सहभागिता है।
मोदी तीन देशों की यात्रा के क्रम में अपने पहले पड़ाव के तहत गुरुवार को फ्रांस पहुंचे हैं। फ्रांस के बाद मोदी जर्मनी और कनाडा जाएंगे।