काठमांडू, 10 जून (आईएएनएस)। नेपाल के वित्त मंत्री राम शरण महत अंतर्राष्ट्रीय दान सम्मेलन का न्योता भारतीय प्रधानमंत्री को देने के लिए बुधवार को नई दिल्ली रवाना हुए। यह सम्मेलन 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप से हुई क्षति के बाद पुनर्निर्माण कार्य के लिए धन इकट्ठा करने को लेकर 25 जून को आयोजित किया जाएगा।
काठमांडू, 10 जून (आईएएनएस)। नेपाल के वित्त मंत्री राम शरण महत अंतर्राष्ट्रीय दान सम्मेलन का न्योता भारतीय प्रधानमंत्री को देने के लिए बुधवार को नई दिल्ली रवाना हुए। यह सम्मेलन 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप से हुई क्षति के बाद पुनर्निर्माण कार्य के लिए धन इकट्ठा करने को लेकर 25 जून को आयोजित किया जाएगा।
महत गुरुवार को मोदी से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री सुशील कोईराला की तरफ से भेजा गया निमंत्रण पत्र उन्हें सौंपेंगे।
नेपाल यह विशेष निमंत्रण मोदी, चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून को भेज रहा है। विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडे सप्ताह के अंत में ली को न्योता देने बीजिंग जाएंगे।
भूकंप से हुई क्षति की वास्तविक तस्वीर हालांकि सार्वजनिक नहीं की गई, वहीं वित्त मंत्रालय के शुरुआती अनुमान पोस्ट डिजास्टर नीड एसेसमेंट के मुताबिक, यह क्षति 10 अरब डॉलर हो सकती है।
नेपाल सरकार ने पुनर्निर्माण के लिए दो अरब डॉलर के कोष की घोषणा कर दी है।
वित्त मंत्री के मुताबिक, विभिन्न देशों, दानदाता एजेंसियों, विकास साझेदारों और बहुपक्षीय दानकर्ता एजेंसियों के 65 से अधिक प्रतिनिधियों को न्योता दिया जाएगा।
वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “हमें मोदी सरकार से काफी उम्मीदें हैं, जिन्होंने भूकंप के बाद तत्काल प्रतिक्रिया की, जो कि सराहनीय है। इसलिए हम इस सम्मेलन में भारत तथा भारत सरकार से इस उदारता की उम्मीद करते हैं।”
मोदी से मुलाकात के अतिरिक्त महत भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, मोदी के दौरे के वक्त घोषित की गई वित्तीय सहायता के क्रियान्वयन और उसके इस्तेमाल के संबंध में द्विपक्षीय चर्चा आयोजित की जाएगी।
मोदी ने पिछले साल अगस्त में नेपाल दौरे के दौरान एक अरब डॉलर के आसान ऋण की घोषणा की थी।
महत के दौरे पर भारत में रह रहे नेपाली नागरिकों के बैंक खाता खोलने, भारत में नेपाली उत्पादन पर लगने वाला प्रतिकारी शुल्क, नेपाल में भारतीय निवेश और द्विपक्षीय व्यापार विस्तार संबंधित मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।