मेक्सिको सिटी, 28 जनवरी (आईएएनएस)। मेक्सिको के दक्षिणी राज्य गुएरेरो से पिछले साल 26 सितंबर को अगवा हुए 43 छात्रों की मौत हो गई है। आपराधिक गिरोह ‘गुएरेरो यूनिडोस’ के सदस्यों ने उनकी हत्या कर दी। मेक्सिको के अटॉर्नी जनरल जीसस मुरिलो करम ने साक्ष्य और गवाही के आधार पर इन छात्रों की मृत्यु की पुष्टि की।
अटॉर्नी जनरल ने व्यापक जांच के आधार पर बताया, “इस बात की पुष्टि हो गई है कि आयोटजिनापा शिक्षक कॉलेज के 43 छात्रों को गुएरेरो की इग्वाला नगरपालिक पुलिस ने हिरासत में लेकरोगुएरेरो यूनिडोस’ के सदस्यों को सौंप दिया था, जिन्होंने युवाओं का कत्ल कर उनके शवों को कोकूला शहर में जला दिया और फिर सैन जुआन नदी में हड्डियों को फेंक दिया।”
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि फोरेंसिक जांच से पता चला है कि शवों को 40 मीटर गहरे गड्ढे में जलाया गया।
शवों को जलाने के लिए टायरों और छोटी लकड़ियों की मदद से जलाई गई आग का तापमान 1,600 सेल्सियस था, जिनमें छात्रों के शव 12 घंटे से अधिक समय तक जलते रहे।
उन्होंने कहा कि नदी से मिले अवशेष पूरी तरह से जलने की वजह से डीएनए जांच के लिए उपयुक्त नहीं हैं। 17 अवशेषों की पहचान हो जाने की संभावना है, जिन्हें आस्ट्रिया की विशेष प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए भेजा गया है।
नई प्रक्रिया के तहत बाकी अवशेषों की जांच चल रही है लेकिन नतीजें आने में अभी समय लगेगा।
सरकारी ब्यौरे के मुताबिक आयोटजिनापा के छात्रों को इसलिए मारा गया, क्योंकि ‘गुएरेरो यूनिडोस’ के सदस्यों को विश्वास था कि प्रतिद्वंद्वी रिवल लॉस रोजोस कार्टल के सदस्यों की पैठ उस कॉलेज तक हो गई थी।
हालांकि मुरिलो करम ने मंगलवार को कहा कि प्रशासन को ‘किसी भी आपराधिक समूह’ से छात्रों के संबंध होने के बारे में पता नहीं चला है।
इस नरसंहार के संबंध में 99 लोग हिरासत में है, जिसमें इग्वाला के अपदस्थ मेयर जोस लुईस अबारका और उनकी पत्नी मारिया डे लॉस एंजेल्स पिनेदा शामिल हैं। वहीं अन्य छह संदिग्ध फरार हैं।