लखनऊ, 3 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां विभिन्न सरकारी परियोजनाओं की समीक्षा की और उन्होंने इस मौके पर कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 में स्वच्छता का जो मानक प्रस्तुत किया गया है, सभी नगर निगमों में इसी मानक के अनुरूप स्वच्छता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जन सहयोग से इस कार्य में वांछित परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। मण्डलायुक्त पूरे मण्डल के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता की स्थिति देखकर जवाबदेही तय करें। सभी नियुक्त सफाईकर्मियों द्वारा सफाई कार्य किया जा रहा है अथवा नहीं, इसकी जांच अवश्य कराएं।”
मुख्यमंत्री ने लोक भवन में आयोजित बैठक में प्रदेश के सभी मण्डलायुक्तों और नगर आयुक्तों के साथ शहरों की सफाई, पॉलीथिन पर रोक, नगरीय क्षेत्र में गोवंश संरक्षण, स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत मिशन, शहरों में नालों को टैप किए जाने की प्रगति, एसटीपी के निर्माण की प्रगति एवं नमामि गंगे परियोजनाओं की समीक्षा की।
योगी ने कहा, “आज की बैठक के एजेण्डा के बिन्दुओं के अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण, सौभाग्य योजना, निराश्रित, विधवा तथा दिव्यांगजन पेंशन सहित शासन द्वारा संचालित विभिन्न विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं पर मण्डलायुक्त द्वारा मण्डल स्तर पर समीक्षा की जाए। समीक्षा बैठक कार्यालय स्तर तक ही सीमित न रहे, बल्कि योजनाओं का भौतिक सत्यापन भी किया जाए।”
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मण्डलायुक्त 10 जून तक इन बिन्दुओं पर समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार कर लें। और 11 जून से 15 जून तक प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव एवं मंत्री स्तर पर समीक्षा की जाएगी। उसके बाद 16 जून से 15 जुलाई तक मुख्यमंत्री स्वयं मण्डलीय समीक्षा बैठकें करेंगे।
योगी ने कहा, “स्वच्छता मिशन एक अत्यन्त महत्वपूर्ण अभियान है। प्रधानमंत्री जी स्वयं इस अभियान में सम्मिलित हुए हैं। इसे सफल बनाने के लिए जनसहयोग सहित सभी सम्भव प्रयत्न किए जाने चाहिए।”
उन्होंने कहा, “पॉलीथिन पर कड़ाई से प्रतिबन्ध लगाए बगैर स्वच्छता अभियान का लक्ष्य पूरा नहीं होगा। इसलिए पॉलीथिन को कड़ाई से प्रतिबन्धित किया जाए। इसके प्रति जनता और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से जनजागरूकता फैलाई जाए। पॉलीथिन पर प्रभावी रोक के लिए आवश्यकतानुसार वैधानिक कार्रवाई भी की जाए।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, और ऐसे नगरों में जहां निस्तारण की पर्याप्त व्यवस्था न हो, वहां कूड़े का डम्पिंग ग्राउण्ड आबादी से दूर बनाया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने लखनऊ, आगरा, वाराणसी, मथुरा, बरेली, गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद, झांसी, सहारनपुर आदि नगर निगमों में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के निर्माण की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्माणाधीन गोवंश आश्रय स्थलों को जल्द से जल्द पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए।