मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज का पूरा दिन प्रदेश में हालिया ओला-वृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने और किसानों को तत्काल राहत पहुँचाने के निर्देश देने में बिताया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के इतिहास में पहली बार आज सुबह 8.30 बजे राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक की। मंत्रि-परिषद की बैठक के तत्काल बाद मुख्यमंत्री ओला-वृष्टि प्रभावित फसलों का जायजा लेने के लिये राजगढ़, गुना, शाजापुर, मंदसौर और नीमच जिलों के भ्रमण पर निकल गये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने फसलों को हुए नुकसान का मैदानी जायजा लेने के बाद देर शाम भोपाल आकर वीडियो कान्फ्रेंसिंग की।
ओला वृष्टि सर्वे
कुल प्रभावित जिले – 31
ओला वृष्टि दिनांक – 14, 15, 16, 17 मार्च 2013
कुल प्रभावित ग्राम – 3,190
कुल प्रभावित क्षेत्रफल – 2,48,615 हेक्टेयर
प्रभावित खातेदार – 2,44,220
क्षति का अनुमानित मूल्यांकन – 89393.54 लाख
जनहानि 29, पशुहानि – 294
सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रफल वाले 5 जिले – विदिशा, शाजापुर, सिवनी, सतना, राजगढ़।
सर्वाधिक प्रभावित किसान वाले 5 जिले क्रमशः सिवनी, शाजापुर, विदिशा, सतना और राजगढ़।
सर्वाधिक क्षतिग्रस्त 5 जिले – विदिशा, राजगढ़, सिवनी, शाजापुर, गुना।
मुख्यतः असामयिक वर्षा और ओला-वृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के आकलन और राहत को लेकर की गई इस वीडियो कान्फ्रेंसिंग में भी मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृषि उत्पादन आयुक्त, सभी संभागायुक्त, कलेक्टर्स और किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, राजस्व, सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव और आयुक्त भू-अभिलेख को निर्देशित किया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग रात्रि 9 बजे तक जारी थी।
नुकसान का मैदानी जायजा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील के गाँव पंवारखेड़ा, शाजापुर जिले के धाराखेड़ी और घुंसी, गुना जिले के चाचोड़ा विकासखण्ड के तेलीगाँव तथा मकसूदनगढ़, नीमच जिले के सावन गाँव तथा मंदसौर जिले के ग्राम गुराड़िया दीदा में पहुँचकर असामयिक वर्षा और ओला-वृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का प्रत्यक्ष जायजा लिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान इन गाँवों में प्रभावित किसानों से भी मिले। उन्होंने प्रशासन को नुकसान के त्वरित आकलन और राहत वितरण के लिये निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को नुकसानी के सर्वे में किसी भी प्रकार की कोताही न करने के लिये भी चेताया।
किसानों को दी राहत की जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा पीड़ित किसानों की कर्ज वसूली स्थगित की जायेगी और अल्पावधि ऋण को मध्यावधि में बदल दिया जायेगा। उसमें से सिर्फ मूलधन ही किसानों से लिया जायेगा और ब्याज सरकार वहन करेगी। प्रभावित किसानों को बिजली का मूल बिल अगले पाँच वर्ष में भरना होगा, जबकि सरचार्ज पहले ही माफ किया जा चुका है। अगली फसल के लिये उन्हें डिफाल्टर नहीं माना जायेगा।
संबंधित जिलों द्वारा नुकसान की भरपाई के लिए राजस्व विभाग को अब तक 136 करोड़ 81 लाख 56 हजार रुपये आवंटन की मांग की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओला प्रभावित किसानों को 10 हजार से 13 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर के मान से राहत दी जायेगी। खरीफ के लिये खाद-बीज मुहैया करवाया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि दुधारू मवेशी की मृत्यु पर प्रत्येक मवेशी के हिसाब से 16 हजार 400 रूपये और भेड़-बकरी की मृत्यु पर 1650 रूपये की राशि दी जायेगी। ओले से प्रभावित फलदार पौधों और सिंचाई के पाइप की टूट-फूट पर भी सरकार राहत राशि देगी। प्रभावितों को गरीबी रेखा की दर से गेहूँ दिया जायेगा। मकान क्षतिग्रस्त होने पर भी राहत राशि दी जायेगी।
श्री चौहान ने कहा कि सहकारी बैंकों को निर्देश दिये गये हैं कि वे कृषि ऋण की वसूली स्थगित रखें तथा अल्पावधि एवं मध्यावधि ऋण को दीर्घावधि ऋण में परिवर्तित कर किसानों को राहत दें। श्री चौहान ने कहा कि इसी तरह की राहत देने के लिये व्यावसायिक बैंकों से भी बातचीत जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत की बढ़ी हुई दरें पिछली तिथि से लागू की जायेंगी। जिन किसानों को पुरानी दर से राहत मिल चुकी है, उन्हें अंतर की राशि का भुगतान भी किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन किसानों की 25 प्रतिशत भी फसल नष्ट हुई है, उनको राहत दी जायेगी। साथ ही 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान को 100 प्रतिशत मानकर सहायता दी जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नीमच जिले में कहा है कि अब किसानों को ईसबगोल, प्याज, आलू, लहसुन और जीरा की नुकसानी पर 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से राहत दी जायेगी।