पटना, 4 जून (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को अधिकारियों को आदेश दिया कि मुख्यमंत्री आवास में लगे फलों को उसमें रह रहे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को दे दें।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यहां बंगले लगे लीची, आम और कटहल के पेड़ों की निगरानी के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं ताकि वे और उनका परिवार इन फलों को न खा सके।
नीतीश कुमार ने यहां पर मीडिया से कहा, “मुझे जनता की चिंता है न कि फलों, खास तौर पर आम की।”
मुख्यमंत्री निवास एक, अणे मार्ग को मांझी ने अभी तक खाली नहीं किया है। मांझी और उनकी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में लगे फलों का लुत्फ उठाने से उन्हें और उनके परिवार को रोकने के लिए राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि इसके लिए उसने 24 पुलिसकर्मी तैनात किए हैं।
नीतीश कुमार ने कहा, “अगर फल खरीदने की गुंजाइश हुई तो, मैं अपनी तनख्वाह से उन्हें खरीदने के लिए तैयार हूं, लेकिन फल मांझी और उनके परिवार को दे देने चाहिए।”
नीतीश कुमार ने कहा, “न ही मुझे इस बारे में पता है और न ही मुझे जानकारी दी गई। कुछ लोगों को बहुत कम समय में बहुत-सी चीजों का मोह हो जाता है। हमें जनता की ज्यादा चिंता है और जिन लोगों को आमों की चिंता है उन्हें पर्याप्त फल दे देने चाहिए।”
मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद से जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास अभीतक खाली नहीं किया है।
जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि झूठे आरोप (बाग में पुलिस की तैनाती संबंधी) लगाकर मांझी ने अपना सच सबके सामने ला दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुशील कुमार मोदी ने हालांकि कहा कि यह विचित्र है कि जो व्यक्ति बंगले में रह रहा है उसे उसमें लगे फलों का लुत्फ लेने से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह से नीतीश कुमार महादलितों का अपमान कर रहे हैं।