कोलकाता, 30 जनवरी (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दाहिना हाथ माने जाने वाले मुकुल रॉय से शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शारदा घोटाला मामले में साढ़े चार घंटे तक पूछताछ की।
रॉय ने साल्ट लेक इलाके में सीजीओ परिसर स्थित सीबीआई दफ्तर से दोपहर के समय बाहर आते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि सच सबके सामने आए और मामले की जांच सही दिशा में आगे बढ़े।
रॉय ने संवाददाताओं से कहा, “मैं आज जांचकर्ताओं से मिला। उन्होंने मेरे साथ लंबी पूछताछ की। मैंने उनसे कहा कि अगर जांच के लिए उन्हें मेरी जरूरत पड़ी तो मैं एक बार नहीं, बल्कि बार-बार उनसे मिलने और सहयोग करने के लिए तैयार हूं।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सचाई सामने आए। मामले की जांच सही दिशा में चले।”
रॉय ने दोहराया है कि शुरू से ही वह कह रहे हैं कि वह जांच में शामिल होने के लिए और सीबीआई को सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, “यहां तक कि आज सुबह भी मैंने कहा था कि मैं जांच के लिए सीबीआई के पास जा रहा हूं। मुझे पूर्वाह्न 10.30 बजे तक जांच एजेंसी के पास पहुंचना था, और मैं समय पर वहां पहुंच गया था।”
इससे पहले सीबीआई के दफ्तर पहुंचने पर रॉय ने कहा था, “मैं यहां सीबीआई के साथ सहयोग करने के लिए आया हूं।”
रॉय ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।
उन्होंने कहा, “मैंने अपनी जिंदगी में अपनी व्यक्तिगत क्षमता में अथवा पार्टी के काम में कभी भी बेईमानी नहीं की है।”
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद मामले की जांच कर रही सीबीआई ने 12 जनवरी को रॉय को सम्मन जारी किया था और वह दो बार सीबीआई के समक्ष उपस्थित होने से बच गए थे।
सम्मन जारी होने के बाद रॉय बार-बार दिल्ली का दौरा कर रहे थे और अपने वकीलों से बात कर रहे थे, क्योंकि उनकी पार्टी सर्वोच्च न्यायालय से यह मांग कर रही है कि सीबीआई जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में हो।
इससे पहले, सीबीआई दफ्तर के लिए निकलने के दौरान मध्य कोलकाता में उनके आवास पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने ‘मुकुल रॉय जिदाबाद’, ‘ममता बनर्जी जिंदाबाद’ के नारे लगाए।
कार्यकर्ताओं ने कहा, “तृणमूल के खिलाफ सीबीआई की साजिश समाप्त की जाए।”
सीजीओ परिसर के बाहर भी बड़ी संख्या में तृड़मूल समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा।
उल्लेखनीय है राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा सहित तृणमूल के चार नेता इस मामले में जेल में हैं, जबकि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने पार्टी के अन्य सांसदों और विधायकों से पूछताछ की है।
तृणमूल कांग्रेस के निलंबित राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष को घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने रॉय की संलिप्तता का दावा किया था। कभी रॉय के करीबी रहे और शारदा घोटाला मामले में जेल में बंद आसिफ खान ने भी रॉय पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
तृणमूल को हाल के चुनावों में मिली जीत का श्रेय रॉय को दिया गया है। शारदा समूह के प्रमुख सुदिप्त सेन के साथ फोन पर हुई बातचीत और मुलाकात के कारण रॉय आलोचनाओं का सामना कर रहे थे।
लेकिन रॉय और तृणमूल ने सभी आरोपों का मजबूती से खंडन किया है।