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 मुंबई एकदिवसीय : धौनी युग में भारत की सबसे बड़ी हार (लीड-1) | dharmpath.com

Sunday , 24 November 2024

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मुंबई एकदिवसीय : धौनी युग में भारत की सबसे बड़ी हार (लीड-1)

मुंबई, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत के सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धौनी रविवार को वानखेड़े स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए पांचवें एकदिवसीय मुकाबले में भारत की सबसे बड़ी परीक्षा में खरे नहीं उतर सके और धौनी की कप्तानी में भारत को सबसे बड़ी हार झेलनी पड़ी।

दक्षिण अफ्रीका ने भारत को पांचवें एकदिवसीय में 214 रनों के विशाल अंतर से हराया, जो रनों के लिहाज से भारत की दूसरी सबसे बड़ी हार रही।

इससे पहले रनों के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी हार श्रीलंका के हाथों 29 अक्टूबर, 2000 को शरजाह में 245 रनों से मिली हार थी, जो उसे दिग्गज कप्तान सौरभ गांगुली के नेतृत्व में मिली थी।

दक्षिण अफ्रीका ने वानखेड़े स्टेडियम में तीन-तीन शतकीय पारियों के बल पर भारत को 439 रनों का उनका सबसे बड़ा लक्ष्य दिया, जिसके जवाब में भारतीय टीम 36 ओवरों में 224 रन बनाकर ढेर हो गई। इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने पांच मैचों की श्रृंखला 3-2 से जीत ली।

पहाड़ सरीखे लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की सलामी जोड़ी सिर्फ 22 रन जोड़ सकी। अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय के इतिहास में दो दोहरा शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज रोहित शर्मा (16) काइल एबॉट की गेंद पर इमरान ताहिर को कैच थमा पांचवें ओवर में ही पवेलियन लौट गए।

भारतीय टीम के भविष्य के अगुवा माने जा रहे विराट कोहली (7) अपनी पिछली डोले-शोले दिखाऊ पारी के इर्द-गिर्द भी नजर नहीं आए और करियर का 10वां मैच खेल रहे गैर-अनुभवी तेज गेंदबाज कैगिसो रबाडा की बाहर जाती गेंद पर बल्ले अड़ा बैठे और विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक ने फिर से बेहतरीन विकेटकीपिंग का नजारा पेश करते हुए उनका कैच लपक लिया।

इसके बाद भारतीय एकदिवसीय टीम में अपने स्थान के लिए संघर्ष कर रहे अजिंक्य रहाणे (87) ने बल्ले से सर्वाधिक योगदान देते हुए शिखर धवन (60) के साथ तीसरे विकेट के लिए 7.55 के औसत से 112 रनों की साझेदारी की और संघर्ष का माद्दा पेश किया।

धवन भी कुछ-एक एज से बचते और जीवनदान पाते अपना अर्धशतक पूरा कर ले गए। 59 गेंदों में आठ चौके लगाकर खेल रहे धवन को रबाडा ने अपना दूसरा शिकार बनाया। धवन के बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर उठी गेंद को हाशिम अमला ने बेहतरीन डाइव लगाकर कैच किया।

विशाल लक्ष्य और आस्किंग रेट की सूई फुल पर देखते हुए धौनी ने अपने भरोसेमंद हिटर सुरेश रैना (12) को पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी के लिए भेजा, हालांकि धौनी का यह मोहरा भी भारत के किसी काम न आ सका। रबाडा की यॉर्कर गेंद ने रैना के लेग स्टंप की गिल्लियां बिखेर दीं।

आधे सफर (24.5 ओवर) में रैना ने जब भारत का साथ छोड़ा तो भारत को 11 के करीब की रन गति से शेष रन बनाने की दरकार थी। बढ़ते दबाव में अंतत: रहाणे भी ऊंचा शॉट लगाने के प्रयास में डेल स्टेन को अपना विकेट दे बैठे। रहाणे का कैच फरहान बेहरादीन ने लिया।

रहाणे ने अपनी संयमित स्वभाव के विपरीत तेज हाथ दिखाते हुए 58 गेंदों में नौ चौके और तीन छक्के लगाए। कप्तान धौनी (27) तीसरे सर्वोच्च स्कोरर रहे।

दक्षिण अफ्रीका के लिए कैगिसो रबाडा ने चार, डेल स्टेन ने तीन, इमरान ताहिर ने दो और काइल एबॉट ने एक विकेट चटकाया।

इससे पहले टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीका के लिए अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय के अपने ही रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए तीन बल्लेबाजों ने शतक लगाए। क्विंटन डी कॉक (109), फॉफ डू प्लेसिस (133) और कप्तान अब्राहम डिविलियर्स (119) की नायाब पारियों की बदौलत दक्षिण अफ्रीकी टीम ने 50 ओवरों में चार विकेट पर 438 रनों का विशालकाय स्कोर खड़ा कर लिया।

टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी मेहमान टीम का पहला विकेट हाशिम अमला (23) के रूप में चौथे विकेट की आखिरी गेंद पर 33 के कुल योग पर गिर गया।

अमला ने मात्र 13 गेंदों की अपनी पारी में पांच चौके लगाए और अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय के इतिहास में सर्वाधिक तेजी से 6000 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बन गए। उनके बाद इस क्रम में कोहली का नंबर आता है। अमला ने 6000 रन पूरी करने में कोहली से पूरे छह पारियां कम लीं।

लेकिन अमला दक्षिण अफ्रीका को जो लय दी उसे डी कॉक के साथ डू प्लेसिस ने और गति प्रदान की।

डी कॉक और डू प्लेसिस ने 6.74 के औसत से 154 रन बटोरते हुए दक्षिण अफ्रीका को ठोस स्थिति में पहुंचा दिया।

डी कॉक और डू प्लेसिस जब तक क्रीज पर रहे चौकों की मदद से तेजी से रन बटोरते रहे। लेकिन डी कॉक के पवेलियन लौटने के बाद प्लेसिस का साथ देने उतरे डिविलियर्स ने तो जैसे रनों की गति तो तूफानी अंदाज दे दिया।

डी कॉक ने 87 गेंदों की पारी में 17 चौके और एक छक्के लगाए। डी कॉक का कैच सुरेश रैना की गेंद पर विराट कोहली ने लपका।

डिविलियर्स के क्रीज पर उतरने के बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम चौकों की बजाय छक्कों में रन बनाने लगी। डिविलियर्स और प्लेसिस ने मात्र 17.1 ओवरों में 9.55 के औसत से 164 रन जोड़ डाले और दक्षिण अफ्रीकी टीम 41वें ओवर में ही 300 का स्कोर पार कर चुकी थी।

मुंबई की गर्मी और उमस भरे माहौल में शतकीय पारी खेलते हुए डू प्लेसिस पैर में खिंचाव के बावजूद चौकों, छक्कों की झड़ी लगाते रहे। अंतत: 115 गेंदों में नौ चौके और छह छक्के लगाकर रिटायर्ड हो वह पवेलियन लौटे।

प्लेसिस के लौटने के बाद रनों को हवा देने की जिम्मेदारी डिविलियर्स ने संभाली और 59 गेंदों पर करियर का 23वां शतक पूरा कर लिया। 398 के कुल योग पर भुवनेश्वर के हाथों अपना विकेट गंवाने से पहले डिविलियर्स ने 61 गेंदों में तीन चौके और 11 छक्के जड़े।

दक्षिण अफ्रीकी टीम ने आखिरी के 12 ओवरों में 169 रन जोड़े।

भारत के लिए मोहित शर्मा सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए, जबकि तीन ओवरों में 19 रन देने वाले रैनी सबसे किफायती रहे। मोहित, रैना, हरभजन सिंह और भुवनेश्वर कुमार को एक-एक विकेट मिला।

मुंबई एकदिवसीय : धौनी युग में भारत की सबसे बड़ी हार (लीड-1) Reviewed by on . मुंबई, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत के सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धौनी रविवार को वानखेड़े स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए पांचवें एकदिवसीय मुकाबले में भार मुंबई, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत के सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धौनी रविवार को वानखेड़े स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए पांचवें एकदिवसीय मुकाबले में भार Rating:
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