वाशिंगटन, 8 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिका स्थित मिराक कैपिटल समूह ने सहारा समूह को उबारने के लिए उसके समक्ष तीन नए विकल्प पेश किए हैं।
वाशिंगटन, 8 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिका स्थित मिराक कैपिटल समूह ने सहारा समूह को उबारने के लिए उसके समक्ष तीन नए विकल्प पेश किए हैं।
इन विकल्पों में धोखाधड़ी के आरोपों के लिए सहारा द्वारा माफी मांगने के बाद एक ऋण की व्यवस्था, सहारा संपत्तियों का अधिग्रहण या सहारा के साथ सौदेबाजी बिल्कुल बंद करना शामिल हैं।
ये नये प्रस्ताव शनिवार को एक पत्र के जरिए सामने आए। दो दिन पहले ही मिराक कैपिटल के मुख्य कार्यकारी निदेशक सारांश शर्मा ने सहारा प्रमुख पर मिराक की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि सहारा ने मिराक पर फर्जीवाड़े के आरोप लगाए थे।
शर्मा ने अपने पत्र की प्रति आईएएनएस को भी दी है। पत्र के मुताबिक, “हम दोनों को पता है कि मिराक द्वारा जाली पत्र देने पर सवाल खड़े नहीं किए जा सकते। क्योंकि वह पत्र सीधे बैंक से सहारा के अटॉर्नियों को भेजा गया था।”
सारांश शर्मा ने चेतावनी दी है कि यदि सहारा झूठे सार्वजनिक आरोपों को वापस नहीं लेता है तो उस स्थिति में मिराक अनुबंध के आरोपों के उल्लंघन के लिए सहारा पर मुकदमा चलाएगा और अनुमानित 1.3 करोड़ डॉलर से अधिक के घाटे के लिए मुआवजा राशि की भी मांग करेगा।
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय अपनी रिहाई के लिए पूंजी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी दिशा में पिछले महीने यूके और अमेरिका के पांच निवेशकों के समूह ने सहारा प्रमुख को दो अरब डॉलर का कर्ज देने का प्रस्ताव रखा था।
सहारा प्रमुख निवेशकों को पूंजी लौटाने में विफल रहने के मामले में लगभग साल भर से जेल में बंद है।
मिराक ने सहारा समूह की हॉस्पिटलिटी संपत्तियों को खरीदने की पेशकश की थी।
इन संपत्तियों में न्यूयॉर्क में प्लाजा होटल, लंदन में ग्रोसवेनर हाउस होटल, मुंबई में सहारा स्टार और महाराष्ट्र में अंबे वैली रिजॉर्ट्स शामिल हैं।
सहारा को दिए गए तीन विकल्पों में से पहले विकल्प के तहत मिराक ने कहा, “सहारा द्वारा कंपनी की छवि धूमिल किए जाने पर सहारा सार्वजनिक रूप से माफी मांगे उसके बाद मिराक कैपिटल कर्ज व्यवस्था की प्रक्रिया को जारी रख सकता है। क्योंकि सहारा के इन आरोपों से मिराक, उसके कारोबारी सहयोगियों और निवेशक नेटवर्क के सदस्यों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।”
वैकल्पिक रूप से मिराक ने त्वरित समाधान के रूप में यह भी बताया कि वह सहारा की संपत्तियों के अधिग्रहण की प्रक्रिया को जारी रख सकता है।
उन्होंने कहा, “संपत्तियों की बिक्री के लिए हम सभी दस्तावेजों का दोबारा मसौदा तैयार कर सकते हैं और सार्वजनिक माफीनामे के बाद अभी भी 20 फरवरी, 2015 को तयसीमा पर मिल सकते हैं।”
यदि सहारा प्रमुख ने इन विकल्पों को स्वीकार नहीं किया तो वह सहारा को परिश्रम लागत के रूप में जमा 26 लाख डॉलर की राशि लौटा कर दोनों के मध्य सौदे को हमेशा के लिए समाप्त कर देंगे।