भोपाल :मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहाँ सम्पन्न नर्मदा नियंत्रण मंडल की बैठक में 2143 करोड़ रुपये लागत की नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इस योजना के तहत इंदौर और उज्जैन जिले की सात तहसील के 158 ग्राम में पेयजल के साथ 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इंदौर के यशवंत सागर को भी इस परियोजना से बार-बार भरा जा सकेगा। इस योजना में कोई विस्थापन और पुनस्थापन की आवश्यकता नहीं होगी। बैठक में 56 करोड़ 50 लाख रुपये लागत की डाबरी उदवहन सिंचाई योजना और 97 करोड़ 21 लाख रुपये लागत की सिहाड़ा उदवहन सिंचाई योजना की प्रशासकीय स्वीकृति भी दी गई।
बैठक में लोक निर्माण मंत्री श्री सरताज सिंह, वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, वन मंत्री श्री गौरीशंकर शेजवार, कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, राजस्व मंत्री श्री रामपाल सिंह, नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में कहा कि मालवा में पानी पहुँचाने के लिये यहाँ की नदियों को नर्मदा से लिंक करना सबसे अच्छा विकल्प है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलकर नर्मदा–मालवा लिंक योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 के पहले मध्यप्रदेश को नर्मदा के अपने हिस्से के जल का उपयोग करने के लिये भी नर्मदा–मालवा लिंक योजनाएँ महत्वपूर्ण हैं। इन योजनाओं के माध्यम से मालवा क्षेत्र में सिंचाई, उद्योग और पेयजल के लिये पानी उपलब्ध हो सकेगा।
पेयजल के लिये पानी उपलब्ध हो सकेगा।
नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक परियोजना
मालवा क्षेत्र में गिरते भू-जल स्तर, सिंचाई और पेयजल की कमी को देखते हुए यह योजना प्रस्तावित की गई है। इसमें न तो बाँध का निर्माण होगा और न ही कोई परिवार विस्थापित होगा। इससे इंदौर और उज्जैन जिले के 158 ग्राम में 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। लगभग 2143 करोड़ 46 लाख रुपये लागत की इस योजना में सिंचाई के लिये 12.5 क्यूसेक, पेयजल के लिये 1.5 क्यूसेक और औद्योगिक उपयोग के लिये 1 क्यूसेक जल का उपयोग किया जायेगा। इस योजना में नर्मदा के जल को 416 मीटर सिंचाई कर उदवहन किया जायेगा।
डाबरी सिंचाई योजना
इस योजना में जोबट बाँध के जलाशय से जल उदवहन किया जायेगा। इससे अलीराजपुर और धार जिले के आठ-आठ ग्राम में कुल 3000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई और पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध होगी। योजना की लागत 56 करोड़ 50 लाख रुपये है।
सिहाड़ा सिंचाई योजना
इस योजना में 97 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से खण्डवा जिले के 17 ग्राम में 5 हजार 750 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें इंदिरा सागर जलाशय से जल उदवहन कर ग्रामों में पहुँचाया जायेगा।
ज्ञात हो कि इस परियोजना से पहले मध्यप्रदेश में नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना सफलता के साथ लागू हो चुकी है। इससे गाँवों और नगरों को पानी मिलने तथा सिंचाई होने के साथ सिंहस्थ पर्व पर आने वाले करोड़ों श्रद्धालु को दो पवित्र नदी के जल से स्नान का लाभ मिलेगा।
बैठक में नर्मदा घाटी विकास विभाग में निविदा स्वीकृति के अधिकारों में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री अजय नाथ, प्रमुख सचिव नर्मदा घाटी विकास श्री रजनीश वैश्य, प्रमुख सचिव जल संसाधन श्री आर.एस. जुलानिया, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री के.के. सिंह और प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग श्री मोहम्मद सुलेमान भी उपस्थित थे।