नई दिल्ली, 14 मार्च (आईएएनएस)। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को 13 साल जेल की सजा सुनाए जाने के फैसले पर भारत ने शनिवार को चिंता जताई।
आपराधिक न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद को जनवरी 2012 में सैन्य हिरासत में रखने के मामले में उन्हें यह सजा सुनाई गई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट किया, “मालदीव में हुई इस घटना को लेकर भारत बेहद चिंतित है और स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है।”
मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान शुक्रवार रात यह फैसला सुनाया गया।
मिनीवान न्यूज के मुताबिक, “फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश अब्दुल्ला दीदी ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूत से सिद्ध होता है कि नशीद ने मुख्य न्यायाधीश को गिरफ्तार करने या अपहरण करने तथा गिरीफूशी द्वीप में हिरासत में रखने का आदेश दिया।”
न्यायाधीश दीदी ने कहा कि नशीद उस क्रूरता के वास्तुकार थे।
नशीद पर साल 2012 में न्यायाधीश को मनमाने ढंग से हिरासत में रखने का आरोप लगाया गया था, जिसके तहत उन्हें निर्वासन या तीन साल जेल की सजा होती।
प्रॉसेक्यूटर जनरल मुहताज मुहसिन ने 15 फरवरी को हुल्लुमाले दंडाधिकारी अदालत में दाखिल आरोप वापस ले लिया। मुहसिन द्वारा आपराधिक न्यायालय में आतंकवाद के आरोप लगाए जाने के तुरंत बाद 22 फरवरी को नशीद को गिरफ्तार कर लिया गया था।