अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने नरोदा पाटिया दंगा मामले में दोषी राज्य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी को मेडिकल ग्राउंड पर तीन महीने की जमानत दे दी है.
बीते कोडनानी ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों के आधार पर जमानत के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन दिया था.
नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल की पूर्व मंत्री कोडनानी का फिलहाल एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. उनके वकील ने मेडिकल ग्राउंड पर अदालत से छह महीने की राहत मांगी थी.
ग़ौरतलब है कि पिछले साल गुजरात की एक विशेष अदालत ने वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए गुजरात दंगों के दौरान नरोदा पाटिया में एक सम्प्रदाय विशेष के 97 लोगों को जलाकर मार देने के मामले में राज्य की पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की विधायक माया कोडनानी को 28 साल कैद की सजा सुनाई थी.
मोदी सरकार में महिला और बाल कल्याण मंत्री रह चुकी कोडनानी पर दंगाइयों को उकसाने का दोषी पाया गया था. मंत्री माया कोडनानी ने उस भीड़ का नेतृत्व किया था जिसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया.
क्या हुआ था नरोदा पाटिया में?
साल 2002 में गुजरात में गोधरा दंगे के बाद भड़की आग नरोडा पाटिया तक जा पहुंची थी. 28 फरवरी 2002 को नरोडा पाटिया में भड़के दंगे में सत्तानवे लोगों की हत्या कर दी गई थी.
इस केस में नरेंद्र मोदी सरकार की पूर्व मंत्री माया कोडनानी के साथ ही बजंरग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को भी आरोपी बनाया गया था.
साथ ही स्थानीय बीजेपी नेता बिपिन पांचाल, किशन कोरानी, अशोक सिंधी और वकील राजू चौमाल समेत कुल 62 लोगों को आरोपी बनाया गया था. नरोडा पाटिया केस के मुकदमे की कार्रवाई अगस्त 2009 में शुरू हुई थी. इस दौरान सुनवाई के वक्त एक आरोपी की मौत हो गई थी.