लखनऊ – पार्टी बैठक में मायावती ने कहा कि मैंने मतगणना के दिन (23 जून) अखिलेश यादव को कॉल किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
बता दें कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने रविवार को अपने पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं, विधायकों व सांसदों के साथ मीटिंग की थी, जिस दौरान उन्होंने यह बयान दिया।
इस मीटिंग में उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर भी चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि मीटिंग में मायावती ने करीब 25 मिनट तक समाजवादी पार्टी और लोकसभा चुनाव 2019 में उनके साथ हुए गठबंधन पर बातचीत की।
मीटिंग में मायावती ने सपा नेता व कार्यकर्ताओं पर धोखा देने व बीएसपी को हराने के लिए काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस बारे में भी अखिलेश यादव को जानकारी दी गई, लेकिन उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
मायावती ने कहा, ‘‘अखिलेश यादव ने मुझसे मुस्लिमों को टिकट नहीं देने के लिए कहा था और धार्मिक ध्रुवीकरण होने की बात कही थी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार नहीं हुई। जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब गैर-दलित लोगों के साथ अन्याय हुआ था। इस वजह से उन्होंने सपा को वोट नहीं दिया। वहीं, सपा ने दलितों के प्रमोशन के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जिसके चलते उन्हें दलितों के वोट भी नहीं मिले।’’
इस मीटिंग में उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर भी चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि मीटिंग में मायावती ने करीब 25 मिनट तक समाजवादी पार्टी और लोकसभा चुनाव 2019 में उनके साथ हुए गठबंधन पर बातचीत की।