लखनऊ/इलाहाबाद, 14 जनवरी (आईएएनएस)। मौसम खराब होने के बावजूद बुधवार तड़के मकर संक्रांति के पावन मौके पर असंख्य श्रद्धालुओं का रेला संगम की ओर उमड़ पड़ा। कड़ाके की ठंड और कोहरे के बीच ‘हर-हर गंगे’ के उद्घोष के साथ श्रद्धालु संगम तट समेत अन्य घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और तिल व खिचड़ी दान कर रहे हैं।
माघ मेले के प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर गंगा में पानी की कमी की वजह से सैकड़ों दंडी संन्यासियों ने प्रथम स्नान का बहिष्कार किया था। लेकिन, मकर संक्रांति पर उनकी यह शिकायत दूर हो गई। संगम घाट को गंगा की मुख्य धारा से जोड़ने के कारण मंगलवार को ही संगम घाट पानी से लबालब हो गया।
मकर संक्रांति के अवसर पर मेला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पूरे क्षेत्र पर 22 वॉच टावरों की मदद से नजर रखी जा रही है। मेला क्षेत्र में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर मंगलवार देर रात से ही वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, जो गुरुवार रात तक जारी रहेगी।
मेला क्षेत्र की सुरक्षा के लिए तीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी), आठ उप पुलिस अधीक्षक, 10 इंस्पेक्टर, 150 सब इंस्पेक्टर, 1500 सिपाही, 14 प्रांतीय सशस्त्रबल कंपनी (पीएसी), दो कंपनी आरएएफ को तैनात किया गया।
जिलाधिकारी भावनाथ सिंह व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार समेत लगभग सभी अधिकारी मेले की व्यवस्था और सुरक्षा का पूरा जायजा ले रहे हैं।
मकर संक्रांति का स्नान आज (बुधवार) शुरू हो गया है, लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार, सूर्य का मकर राशि में प्रवेश आज रात एक बजकर 20 मिनट पर होगा। ऐसे में संक्रांति का पुण्यकाल गुरुवार को सूर्योदय से शुरू होगा, जो शाम तक रहेगा।
प्रशासन का कहना है कि मकर संक्रांति पर 50 लाख श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे।
उल्लेखनीय है कि माघ मेला क्षेत्र में मौजूद शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती, जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, जगद्गुरु शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ, जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती, देवतीर्थ स्वामी महामंडलेश्वर मनोहरदास, महंत माधवदास, स्वामी रामतीर्थदास, महंत नरेंद्र गिरि, स्वामी आनंद गिरि, महंत ब्रजभूषण दास, महंत जगतराम दास, महंत हरिदास, महंत वैष्णव दास सहित तमाम प्रमुख संत गुरुवार को ही मकर संक्रांति का स्नान करेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।