न्यूयार्क, 22 जनवरी (आईएएनएस)। बच्चों की 12-14 साल की उम्र संतान से ज्यादा उनकी मां के लिए मुश्किलों भरी होती है। एक शोध में यह बात सामने आई है।
अमेरिका की एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सूनिया लूथर के अनुसार, “शिशुओं और छोटी उम्र के बच्चों का ध्यान रखना शारीरिक रूप से काफी थकाऊ है, लेकिन बच्चे की तरुण अवस्था में मां का जीवन पहले से कहीं अधिक कठिन हो जाता है। इस दौरान माताएं बच्चों के शारीरिक बदलावों के साथ ही स्कूल में उनकी संगत को लेकर भी चिंतित रहती हैं।”
इस शोध के लिए 2,200 से अधिक पढ़ी-लिखी महिलाओं व उनके बच्चों का अध्ययन किया गया। इस दौरान महिलाओं के व्यक्तित्व के कई पहलुओं, उनका पालन-पोषण और बच्चों को लेकर उनकी धारणाओं का अध्ययन किया गया।
लूथर ने बताया, “महिलाएं ऐसी स्थिति में बेहद उथल-पुथल के दौर से गुजरती हैं। वह इस दौर में अपने बच्चों के प्रति बेहद चिंतित रहती हैं।”
यह शोध पत्रिका ‘डेवलपमेंट साइकोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ है।