नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। वायु सेना में लड़ाकू पायलटों के रूप में महिलाओं की भर्ती की एयर चीफ मार्शल अरूप राहा की घोषणा के एक दिन बाद शुक्रवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इसे लेकर समस्याएं पेश आने की बात कही।
पर्रिकर ने हालांकि ‘सैद्धांतिक’ रूप से इस घोषणा के साथ होने की बात कही, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वायु सेना में महिलाओं को लड़ाकू पायलटों के रूप में भर्ती किए जाने पर संचालन तथा प्रशिक्षण संबंधी समस्याएं आ सकती हैं।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने गुरुवार को वायु सेना के 83वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा की थी कि महिलाओं की भर्ती लड़ाकू पायलटों के रूप में की जाएगी।
पर्रिकर ने प्रादेशिक सेना दिवस परेड से इतर कहा, “सैद्धांतिक रूप से हम इसका समर्थन करते हैं। हां, इसमें संचालन एवं प्रशिक्षण संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इसके अतिरिक्त मुझे महिलाओं की इसमें भागीदारी नहीं होने का कोई अन्य कारण नजर नहीं आता।”
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में नीति निर्धारण पर काम हो रहा है।
पर्रिकर ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार किसी भी तरह के लैंगिक भेदभाव के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, “यदि हम बिना विचार किए कोई फैसला लेते हैं तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। सैद्धांतिक रूप से हम महिलाओं और पुरुषों की समान भागीदारी के पक्ष में हैं। संचालन एवं प्रशिक्षण समस्याओं को छोड़कर यहां कोई लैंगिक भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।”
सूत्रों के मुताबिक, पर्रिकर तीनों सेनाओं के प्रमुखों, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा, सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के.धवन से इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अगले सप्ताह मुलाकात करेंगे।