रांची/जमशेदपुर, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायतों की महिला प्रतिनिधियों से रविवार को आग्रह किया कि वे हर घर में शौचालय के निर्माण के लिए प्रयास करें ताकि किसी भी महिला को शौच के लिए बाहर नहीं जाना पड़े।
जमशेदपुर में पंचायती राज दिवस और ‘ग्रामोदय से भारत उदय’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मोदी ने कहा, “देश में 30 लाख पंचायत प्रतिनिधि हैं। इनमें से 40 फीसदी महिलाएं हैं। मैं महिला प्रतिनिधियों से अपील करता हूं कि वे खुले में शौच के खिलाफ पहल करें और यह सुनिश्चित करें कि उनके गांव में एक भी महिला खुले में शौच के लिए नहीं जाएंगी। मैं उनसे अपील करता हूं कि वे हर घर में शौचालय का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए पहल करें।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व में पंचायती राज दिवस दिल्ली के विज्ञान भवन में मनाया जाता था। समारोह में कुछ अतिथियों को बुलाकर सम्मानित कर दिया जाता था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस नजरिये को बदलने की कोशिश की है कि दिल्ली ही देश है। इसलिए इस कार्यक्रम को दिल्ली के बजाए जमशेदपुर में करने का निर्णय लिया गया।
प्रधानमंत्री ने झारखंड सरकार की ‘किसान एकल विंडो’ की भी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि सरकारें बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की स्थापना करतीं आईं हैं, लेकिन पहली बार झारखंड सरकार ने किसानों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया है। इसके लिए सरकार अभिनंदन की पात्र है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हिन्दुस्तान के गांव बदलेंगे, तो देश भी बदल जाएगा। गांवों के लिए न तो संसाधनों की कमी है और न ही पैसों का अभाव है। जरूरत है, तो बस समर्पण के साथ सेवा के संकल्प की।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “पंचायत के प्रतिनिधि यह संकल्प लें कि वे योजनाबद्ध तरीके से अपने गांवों का विकास करेंगे। इसके लिए एक साल के लिए प्रतिबद्ध योजनाएं बनाएं। संकल्प हरियाली का लें, वर्षा जल संचय का लें। इसी प्रकार प्रसव पूर्व या प्रसव के पश्चात जच्चा-बच्चा की रक्षा का संकल्प, डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं में आईटी की दक्षता का संकल्प, दहेज मुक्त गांव का संकल्प, सम्पूर्ण टीकाकरण का संकल्प और सबसे अहम गांवों का जन्मदिन मनाने की परंपरा की शुरुआत करने का संकल्प लेना चाहिए। इन संकल्पों को अगर ग्राम पंचायतों की महिलाएं सशक्त तरीके से कार्यान्वित करें, तो गांवों की सूरत बदल सकती है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों को स्कूलों में मिलने वाले मध्यान्ह भोजन की निगरानी भी महिला जन प्रतिनिधियों को करनी चाहिए। गांव में जागृति लाकर गर्भवती महिलाओं को बेहतर भोजन उपलब्ध कराने की भी जिम्मेदारी महिला प्रतिनिधियों को उठानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि आने वाले तीन सालों के भीतर देश के 5 करोड़ परिवारों को गैस चूल्हा उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने के कारण हमारी माताओं को एक दिन में 400 सिगरेट जितना धुआं झेलना पड़ता है।