सिधुदुर्ग (महाराष्ट्र), 21 सितंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र कांग्रेस को जोर का झटका देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण टी. राणे एवं उनके बेटे व पूर्व सांसद नीलेश ने गुरुवार को पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी।
राणे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया है। मुझसे चार बार मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया गया, लेकिन पार्टी ने मुझे यह सम्मान नहीं दिया।”
उन्होंने कहा कि वह जुलाई, 2005 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। पार्टी ने 12 वर्षो तक उनका इस्तेमाल किया, सम्मान नहीं दिया।
भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों के बीच राणे ने कहा कि वह शुक्रवार से महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और दशहरा से पहले अपनी अगली राजनीतिक योजना के बारे में घोषणा करेंगे।
उन्होंने राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चह्वाण पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र में पार्टी को बर्बाद कर दिया।
राणे ने कहा, “मैं अपनी ताकत अशोक चह्वाण को दिखाऊंगा। मैं उन्हें यह बताऊंगा कि लोग मेरे साथ हैं या उनके साथ। मेरे साथ कई लोग कांग्रेस का दामन छोड़ेंगे। मैं और मेरा बेटा नीलेश अब कांग्रेस-मुक्त हैं और मेरा पार्टी से कुछ लेना-देना नहीं है।”
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य कांग्रेस और शिवसेना जल्द ही खाली हो जाएगी, क्योंकि शिवसेना के 27 विधायक मेरे संपर्क में हैं और पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं।
65 वर्षीय राणे ने कहा, “मैंने कभी किसी पद का लालच नहीं किया, लेकिन पद मेरे पास आई और मुझे किसी प्रकार की शिकायत नहीं है।”
उन्होंने कहा कि कई मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने उन्हें छह महीने में मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन दिया, लेकिन एक वर्ष के दौरान भी कुछ नहीं हुआ।
राणे ने कहा, “यहां तक कि मैडम (सोनिया) ने भी मुझे दो बार मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन दिया, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। जब राहुल गांधी ने बिना मुझे पूछे पार्षद बनाया तो चह्वाण मेरा विरोध करने के लिए नई दिल्ली तक गए।”
वहीं चह्वाण ने राणे के पार्टी छोड़ने पर कहा, “मैं उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”
हाल के दिनों में, राणे ने मुंबई और अहमदाबाद में कई अवसरों पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मुलाकात की थी, जिससे उनके कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने की अटकल लगाई जा रही थी।