पुत्राजाया (मलेशिया), 13 जून (आईएएनएस)। दुनिया के महानतम बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक मलेशिया के ली चोंग वेई ने गुरुवार को संन्यास ले लिया। नाक की कैंसर से पीड़ित वेई का करियर 19 साल का रहा है।
36 साल के वेई ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आंखो में आंसू लिए अपनी विदाई की घोषणा की। वेई ने कहा कि वह कोर्ट पर लौटना चाहते थे लेकिन बीमारी के आगे मजबूर रहे।
वेई के नाम वल्र्ड रैंकिंग में 348 सप्ताह तक नम्बर-1 पर रहने का रिकार्ड है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ली के लिए यह फैसला मुश्किल भरा था। ली ने कहा कि उन्होंने और उनके परिवार ने मिलकर फैसला किया कि संन्यास ही उनके लिए सबसे सही फैसला है।
ली का यह फैसला डॉक्टर की उस सलाह के बाद आया है जिसमें उनसे कहा गया था कि वह खेल में वापस लौटने के लिए पहले अच्छे से आराम करें।
वेई ने कहा, “संन्यास का फैसला काफी भारी रहा। मुझे इस खेल से वाकई प्यार है लेकिन यह खेल काफी डिमांडिंग है।”
ली ने कहा कि वह कुछ दिन आराम करेंगे और परिवार के समय व्यतीत करेंगे और अपनी पत्नी को हनीमून पर ले जाएंगे।
दो बच्चों के पिता ली के बीते साल नाक के कैंसर से पीड़ित होने का पता चला था। ताइवान में उनका इलाज चला था।
ली ने कहा, “मुझे पछतावा है। स्वास्थ्य कारणों से संन्यास लेना वाकई दुखद: है।”
ली ने यह भी कहा कि कैंसर का इलाज पूरा हो गया है। ली ने कहा, “मैं टोक्यो ओलम्पिक के बाद संन्यास लेना चाह रहा था लेकिन स्वास्थ्य कारणों से मुझे यह फैसला लेना पड़ा।”
ली तीन बार ओलम्पिक रजत पदक जीतने के अलावा अपने करियर में कुल 69 अंतर्राष्ट्रीय खिताब जीते हैं।
उनसे जब पूछा गया कि क्या वह कोचिंग के लिए उपलब्ध रहेंगे तो उन्होंने कहा कि वे पहले ठीक होने पर ध्यान देंगे और इसके बाद फैसला करेंगे। उन्होंने कहा, “अगर मलेशिया को मेरी जरूरत होगी तो मैं 100 प्रतिशत मदद करूंगा।”
टेनिस में जिस तरह से राफेल नडाल और रोजर फेडरर की प्रतिस्पर्धा मशहूर है उसी तरह बैडमिंटन में ली और चीन के लिन डैन का मुकाबला देखने के लिए प्रशंसक उत्सुक रहते थे।
ली ने लिन डैन को शुभकामनाएं दीं और कहा, “हम अब प्रतिद्वंद्वी नहीं रहे, लेकिन हम अभी भी अच्छे दोस्त हैं। मैं उन्हें टोक्यो ओलम्पिक में खेलते देखना चाहता हूं।”