विवादित परिसर के आस पास बने चोर रास्ते बने सुरक्षा के लिए खतरा,गाइड का काम करने वाले पंडे महज कुछ रुपयो के लिए भेद देते है येलो जोन की सुरक्षा व्यवस्था
अयोध्या | पूरी दुनिया मे मंदिर मस्जिद विवाद के चलते सुर्ख़ियो मे रहने वाली अयोध्या यूं तो हिन्दू मुस्लिम ही नहीं बल्कि अन्य धर्मो के लिए भी आस्था का केंद्र रही है लेकिन आस्था के साथ साथ मंदिर मस्जिद के विवाद ने न सिर्फ अयोध्या को सियासत का आखाडा बनाया बल्कि विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद इस अमनपसंद शहर को आतंकियो की हिट लिस्ट मे भी शामिल कर दिया और यही वजह है की अयोध्या को कई बार आतंकियो ने निशाना बनाया लेकिन हर बार उन्हे असफलता ही हाथ लगी जिसकी एक बड़ी वजह सुरक्षाकर्मियो की मुस्तैदी भी रही है लेकिन बीते कुछ सालो मे अयोध्या मे बहुत कुछ बदल चुका है साल 2005 मे रामलला पर हुए आतंकी हमले के बाद अयोध्या का सुरक्षा घेरा और सख्त हो गया लेकिन धर्मनगरी मे गाइड का काम करने वाले कुछ पंडे महज चंद रुपयो की खातिर इस सुरक्षा घेरे मे सेंध लगा रहे है |
अयोध्या एक बड़े आतंकी हमले की गवाह तब बनी जब 5 जुलाई साल 2005 मे रामलला पर फिदायीन हमला हुआ,पाँच आतंकियो ने सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए रामलला के गर्भगृह पर हमला कर दिया घंटो चली मुठभेड़ के बाद सुरक्षा मे तैनात जवानो ने अपनी जान की बाजी लगाकर इस फिदायीन हमले को नाकाम कर दिया और सभी आतंकियो को मार गिराया,जिसके बाद शुरू हुई अयोध्या की सुरक्षा को और कडा करने की कवायद और पूरी अयोध्या को रेड जोन,येलो जोन,और ग्रीन जोन मे बाँट कर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिये गए परिसर की सुरक्षा के लिए लगाई गयी बैरिकेटिंग के अंदर के हिस्से को रेड जोन और उसके बाद पूरी अयोध्या को येलो जोन सुरक्षा घेरे मे कस दिया गया परिसर की ओर जाने वाले हर रास्ते पर बैरियर लगा कर सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया हर आने जाने वाले की चेकिंग होने लगी वाहनो का प्रवेश रोक दिया गया इन सब बंदिशों से परिसर के आसपास और उस रास्ते पर रहने वाले लोगो को मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है लेकिन इन तमाम कवायदों को धता बताते हुए गाइड का काम करने वाले कुछ पंडे चोर रास्तो के जरिये रोजाना हजारो लोगो को परिसर के आस पास दर्शन के लिए पहुचा देते है| ऐसा नहीं है की स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियो को इसकी खबर नहीं है लेकिन स्थानियों पुलिस की साठगांठ के चलते परिसर की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ लगातार जारी है| अयोध्या की सुरक्षा घेरे को तोड़ने का सिलसिला अयोध्या मे प्रवेश के साथ ही शुरू हो जाता है अयोध्या प्रवेश के लिए बनाए गए तमाम रास्तो पर सुविधा शुल्क देकर कोई भी आसानी के साथ बिना जांच के किसी भी वाहन के साथ अयोध्या मे प्रवेश कर सकते है आलम तो ये है की चार पहिया वाहन के अलावा बड़ी बड़ी बसे भी रोक के बावजूद स्थानीय पुलिस की शाह पर अयोध्या की व्यस्ततम सड़को पर फर्राटा भरती है,अयोध्या मे दर्शन के लिए आने वाले यात्रियो को अगर जल्दी दर्शन करना है और पैदल भी नहीं चलना है तो यात्रियो की इस मांग को यहा के गाइड पूरा कर देते है हा इसके लिए आपको अलग से रकम चुकानी पड़ेगी और अयोध्या के बिरला मंदिर के सामने पुराना बस स्टाप के पीछे एक ऐसा ही चोर रास्ता है जिसका इस्तेमाल यहाँ के कुछ गाइड यात्रियो को ले जाने के लिए करते है और बिना किसी सुरक्षा जांच के ये यात्री परिसर की बैरिकेटिंग के बगल से अमावा मंदिर पार करते हुए परिसर के मुख्य प्रवेश गेट तक पहुच जाते है,वही एक ऐसा ही चोर रास्ता दंतधावन कुंड तिराहे से पहले भी है जिस रास्ते से चार पहिया वाहन हनुमान गढ़ी मंदिर के पिछले गेट तक बिना किसी जांच पड़ताल के पहुच जाते है,बस इसके लिए गाइडो की मदद और सुविधा शुल्क का भुगतान करना होगा,तीसरा चोर दरवाजा है विभीषण कुंड के पास आए एक गली के रास्ते कनक भवन परिसर जाने वाल मार्ग यहा भी दो ऐसे चोर रास्ते है जिन पर पुलिस का चेक पोस्ट और बैरियर लगा होने के बावजूद गाइडो की मदद से लोग चार पहिया वाहनो के जरिये बिना किसी जांच पड़ताल के कनक भवन परिसर तक आसानी से पहुच सकते है| ये वो तमाम ऐसे चोर रास्ते है जिनका प्रयोग कभी भी कोई भी संदिग्ध व्यक्ति अयोध्या मे अशांति फैलाने के लिए कर सकता है बावजूद इसके स्थानीय पुलिस के रहमो करम पर इन कथित गाइडो का ये गोर्ख्ध्न्धा फल फूल रहा है और सुरक्षा से जुड़े आलाधिकारी चुप्पी साधे है |