इंदौर- स्थानीय निकाय चुनाव को हाई कोर्ट से हरी झंडी मिल गई। चुनाव में हो रही लेटलतीफी को लेकर अलग-अलग याचिकाएं चल रही थीं। गुरुवार को मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में इन पर सुनवाई हुई। शासन ने कोर्ट को बताया कि उसने फरवरी तक चुनाव टालने की मांग की थी। मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद चुनाव होते हैं तो उसे आपत्ति नहीं है। चुनाव आयोग अपने जवाब में पहले ही कह चुका है कि तीन मार्च तक मतदाता सूची प्रकाशित कर दी जाएगी। इस पर कोर्ट ने कहा जब शासन और चुनाव आयोग दोनों तैयार हैं तो फिर स्थानीय निकाय के चुनाव अविलंब कराए जाएं।
स्थानीय निकाय चुनाव जल्द कराने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दायर हुई थीं। इन दोनों का गुरुवार को निराकरण हो गया। पहली याचिका इंदौर निवासी भरत पारीख ने एडवोकेट हर्षवर्धन शर्मा के माध्यम से और दूसरी धार के सरदारपुर निवासी तोलाराम गामड ने एडवोकेट प्रतीक माहेश्वरी के माध्यम से दायर की थी। याचिकाओं में कहा था कि प्रदेश में स्थानीय निकाय के चुनाव लंबे समय से लंबित हैं। सरकार कोरोना महामारी के नाम पर इन्हें टाल रही है लेकिन दूसरी तरफ 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव करवाए गए। देश में कई अन्य प्रदेशों में भी विधानसभा चुनाव हुए हैं। जब विधानसभा सीटों पर उप चुनाव करवाए जा सकते हैं तो फिर स्थानीय निकाय चुनाव कराने में क्या दिक्कत है।