भोपाल, 12 जून(आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह की कथित कंपनी एसएस मिनरल्स को बालाघाट जिले में मैगनीज खदान आवंटित किए जाने के कांग्रेस के आरोप को नकार दिए जाने के अगले दिन सरकार ने खनिज विभाग की वेबसाइट से एसएस मिनरल्स का नाम हटा दिया। विपक्षी कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाया है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि यदि कांग्रेस का आरोप गलत था तो अब खनिज विभाग की वेबसाइट से एसएस मिनरल्स का नाम हटाने की जरूरत सरकार को क्यों पड़ी?
उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता के जवाब पर भी सवाल उठाया और कहा, “हमने एसएस मिनरल्स को खदान पौनिया गांव में आवंटित किए जाने का आरोप लगाया था, जबकि मंत्री ने जगनटोला का जिक्र किया जो वहां से 80 किलोमीटर दूर है। इतना ही नहीं, जिस खसरा नंबर के आवंटन का खुलासा किया गया था, उसका भी गुप्ता ने जवाब नहीं दिया। गुप्ता ने एक अन्य महिला शीला भिलावा को 5़ 422 हेक्टेयर का पट्टा दिए जाने की बात कही है, जबकि केंद्रीय खनिज मंत्रालय की वेबसाइट में 2़ 1 हेक्टयर के पट्टे का जिक्र है।”
कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री शिवराज की पत्नी साधना सिंह के स्वामित्व वाली कथित कंपनी एसएस मिनरल्स को बालाघाट में 17़ 9 एकड़ की मैगनीज खदान आवंटित की गई है। इस पर सरकार की ओर से उच्च शिक्षा मंत्री गुप्ता ने न केवल सफाई दी थी, बल्कि दस्तावेज जारी कर दावा भी किया था कि एसएस मिनरल्स नाम की किसी कंपनी को मैगनीज खदान आवंटित ही नहीं की गई है।
इतना ही नहीं, गुप्ता ने जगनटोला में मैगनीज खदान शीला भिलावा नामक महिला को आवंटित किए जाने का ब्यौरा भी दिया था। उन्होंने एस.एस. मिनरल्स नाम की कंपनी न होने और उससे साधना सिंह का कोई नाता न होने का भी दावा किया था, मगर कांग्रेस अब भी कह रही है कि एसएस मिनरल्स नाम की कंपनी है और उसकी प्रमुख एसएस सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी हैं।
मिश्रा का आरोप है कि कांग्रेस ने जब मैगनीज खदान का पट्टा मुख्यमंत्री की पत्नी के स्वामित्व वाली कंपनी को आवंटित किए जाने का खुलासा किया, तब लीपापोती के लिए खनिज विभाग की वेबसाइट से एसएस मिनरल्स का नाम हटा दिया गया, इससे स्पष्ट है कि ‘दाल में काला’ है।