(खुसर-फुसर)– मप्र शासन का नारी अस्मिता की रक्षा के लिये गौरव पूर्ण आयोजन “गौरवी” और वहां महिला पत्रकारों के साथ जनसंपर्क अधिकारी द्वारा जो सलूक किया गया वह गौरव पूर्ण तो नहीं कहा जा सकता है.कुछ महिला पत्रकार जिन्हे यह खबर नहीं थी की होटल जह-नुमां में जनसंपर्क विभाग के आमंत्रण के बिना प्रवेश नहीं हैं पत्रकार वार्ता में पहुंच गयीं लेकिन द्वार पर खड़े अधिकारी जो अंधा बांटे रेवड़ी चीन्ह-चीन्ह के देय के तर्ज पर प्रवेश दे रहे थे ने इन गौरवियों को प्रवेश देने से इंकार कर दिया,ये महिला पत्रकार निवेदन करती रहीं लेकिन महिलाओं के सम्मान को विरोधी वह माटी का पुतला यह भूल गया की कार्यक्रम किनके लिये हो रहा है वह तो बस अपने स्वभाव के अनुसार नियमों की बात करता रहा ,जबकि वह कितने नियमों का पालन करता है अब उजागर करने का समय आ गया है.
नारी अस्मिता की रक्षा,शासन का मंहगा आयोजन,नारी के लिये इतना खर्च और अपने को मित्र विभाग कहने वाला यह विभहग ही नारी के साथ क्या व्यवहार कर रहा था या उन प्रवेश करने वालों की नजरों से चूक गया,यह खबर नवीस भी वहां कुछ पत्रकार मित्रों के साथ चला गया था लेकिन उस मित्र अधिकारी को देख रुक गया क्योंकि उसके स्वभाव से हम बेहतर परिचित हैं,और जब हमने देखा की महिला पत्रकारों की महिलाओं के लिये कार्यक्रम में यह स्थिति है तब इस योजना की क्या गति होनी है स्पष्ट है.हे बयानवीर बाबा आपका खेल निराला है.