भोपाल, 29 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के विधायक सज्जन सिंह उईके की डायबिटीज से हुई मौत ने सरकार और विपक्ष को चिंता में डाल दिया है। दोनों ही पक्ष विधायकों की सेहत को लेकर चिंतित हैं और साल में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण के हिमायती हैं।
विधानसभा में मंगलवार को उईके के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि विधायक अपनी व्यस्तता के चलते छोटी बीमारियों को नजरअंदाज करते हैं जो बाद में बड़ा रूप ले लेती है। उईके को डायबिटीज थी और उन्होंने अपनी व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दिया।
शिवराज ने जोर देते हुए कहा कि विधायकों को साल में एक बार आवश्यक रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए। उनकी बात का कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने भी समर्थन किया।