भोपाल, 30 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में राजनेताओं के कृपापात्र भ्रष्ट और अयोग्य अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) पर पदोन्नत करने की केाशिश करने का आरोप लगाया गया है।
पूर्व विधायक पारस सखलेचा ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “राज्य में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चार लोगों को पदोन्नत किया जाना है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को 20 अधिकारियों की जो सूची भेजी गई है, उनमें से अधिकांश भ्रष्ट, रसूखदार व राजनीतिक संपर्क वाले हैं।”
सखलेचा के अलावा संवाददाता सम्मेलन में मौजूद आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे और मनोज त्रिपाठी ने कहा, “राज्य सरकार ने गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को आईएएस अवार्ड करने की प्रक्रिया का न तो पालन किया है और न ही पारदर्शिता बरती गई है। इसके लिए न तो विज्ञापन जारी किए गए और न ही विभागों को इसकी जानकारी दी गई।”
आरटीआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि आईएएस अवार्ड करने के लिए आवश्यक है कि गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को आठ वर्ष डिप्टी कलेक्टर स्तर की सेवा का अनुभव हो, मगर सरकार ने इस शर्त को दरकिनार कर कुछ अफसरों के लिए नई शर्त जोड़कर लाभ दिलाने की कोशिश की है।
आरटीआई कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार पर अपनों को उपकृत करने का आरोप लगाया और कहा, “केंद्र सरकार को जो सूची भेजी गई है, उसमें 18-20 अधिकारी भोपाल मुख्यालय में ही पदस्थ हैं। इतना ही नहीं, इनमें से अधिकांश अधिकारी कई प्रभावशाली नेताओं के साथ संलग्न रहे हैं।”
आरटीआई कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार द्वारा चहेतों को आईएएस अवार्ड कराने को लेकर की गई कोशिश की केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय से भी शिकायत की है।