भोपाल, 15 अगस्त – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वाधीनता दिवस की वर्षगांठ पर गरीब, आदिवासियों और बालिकाओं के लिए सौगातों का पिटारा खोल दिया। साथ ही वादा किया कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। राज्य का प्रमुख समारोह कोरोना संक्रमण को रोकने के सभी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित किया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोना से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा दिया। साथ ही कहा कि सरकार की ओर से गरीब और जरूरतमंद की मदद में कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में हर पात्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्ति को वनाधिकार पट्टे प्रदान किए जा रहे हैं। प्रदेशभर में निरस्त किए गए दावों का पुन: परीक्षण जा रहा है, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति पटटे से वंचित न रहे। आदिवासी व गरीबों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति को नियमों के विपरीत 15 अगस्त, 2020 तक दिए गए ऋणों को अब नहीं चुकाना होगा।
महिलाओं और बेटियों के प्रति सरकार के सकारात्मक भाव को जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, राज्य में सभी सरकारी आयोजन बेटी पूजन से शुरू होंगे। प्रदेश सरकार की बेटियों का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत 78 हजार से अधिक ई-सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना भी संचालित की जा रही है।
बालिका और महिला अपराधों को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महिलाओं और बेटियों के विरुद्ध, अपराध करने वालों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। पीड़ित व्यक्ति को एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने नहीं आना पड़े, इसके लिए सरकार ने ‘एफआईआर-आपके द्वार’ योजना का प्रयोग भी शुरू किया है।
वहीं, महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों के लिए कम ब्याज पर ऋण दिलाने का निर्णय लिया गया है। इस वर्ष 1300 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण चार प्रतिशत की ब्याज दर पर प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के चलते सरकार की राजस्व आय में बहुत कमी आई और कोविड व्यवस्थाओं के लिए काफी खर्च हुआ, मगर जनकल्याण के व्यय में बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। सरकार के खजाने पर पहला हक गरीबों का है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में गरीब और कमजोर वर्गो पर पड़े विपरीत प्रभाव के मद्देनजर बिजली के बिलों में भी बड़ी राहत दी गई है। 100 रुपये तक बिल आने पर 50 रुपये, 100 रुपये से 400 रुपये तक बिल आने पर 100 रुपये तथा 400 रुपये से अधिक बिल आने पर पहले आधी राशि जमा करने का प्रावधान किया गया। उद्योगों को भी बिजली बिलों में लगभग 1000 करोड़ रुपये की राहत दी गई है। किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराने की योजना सतत जारी रखी गई है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि राज्य में निशुल्क खाद्यान्न आपूर्ति का महाअभियान शुरू होगा। ‘मेधावी विद्यार्थी योजना’ तथा सभी विद्यार्थियों के लिए निशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था। मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरित होंगे। प्रदेश में सर्वसुविधायुक्त व गुणवत्तापूर्ण ‘सीएम राइज स्कूल’ शुरू किए जाएंगे। सरकार ने 2023 तक एक करोड़ नल कनेक्शन का लक्ष्य रखा है और हर घर तक नल के माध्यम से जल पहुंचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। अब यह वर्ष 1962 का भारत नहीं है। यदि किसी शत्रु ने भारत की ओर आंख उठाकर देखा तो उसे सबक सिखाने में भारत पीछे नहीं रहेगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए सरकार द्वारा बनाए जा रहे रोडमैप की भी चौहान ने चर्चा की। उन्होंने कहा ‘एक जिला एक उत्पाद’ के सिद्धांत पर जिलों की ब्रांडिंग की जाएगी। रेडीमेड गारमेंट क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा क्योंकि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होता है। प्रदेश में रेडीमेड गारमेंट क्षेत्र में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग संवर्धन नीति में बदलाव किया गया है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत एमएसएमई क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवार को एक करोड़ रुपये की राशि, परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा और भूखंड प्रदान करने का निर्णय लेकर बलिदानियों के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित किया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने भारत के रक्षा बलों के सामथ्र्य की चर्चा करते हुए कहा कि देश की सीमा पर अतिक्रमण करने का दुस्साहस करने वालों को हमारे वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की परवाह न कर मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय में मध्यप्रदेश के रीवा जिले के फरेंदा गांव के सैनिक दीपक सिंह ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने ध्वजारोहण कर महिला विशेष सशस्त्र बल, जिला बल, शासकीय रेल पुलिस, विशेष शस्त्रबल हक फोर्स, एसटीएफ़, नगर सेना, जेल विभाग और पुलिस बैंड की टुकड़ियों से सज्जित परेड का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, मुख्यमंत्री चौहान की धर्मपत्नी साधना सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी उपस्थित थे।