(दीपक ताम्रकार मंडला से)मध्यप्रदेश के मण्डला के मोतीनाला थाना के अंतर्गत ग्राम पंचयात भीमोरि के पोसक ग्राम _कूकती सरई में मृतक का नाम बुद् राम (बैगा)पिता चोखे लाल बैगा ग्राम कूकती सरई उम्र 45 वर्ष् ने रात्रि में 12 बजे फाँसी पास के आम के पेड़ में लटका मिला उसकी पत्नी के द्वारा बताया जा रहा है की उसकी मानसिक सन्तुलन ठीक नही था यह कहना बैगा जाति के लोग का की गरीबी के मार से तंग हो गया था बुद् राम रात्रि में 12 बजे घर के ही पास के आम का पेड़ में खुद की लँगोट में लटक गया । गाँव के लोगो की माने तो बुधराम की माली हालात ठीक नहीं थी और न ही किसी प्रकार का लाभ उसे योजना का मिलता था।
बुधराम के इस कदम से जिले में चल रही बैगा विकास यौजना की पोल खुल गई। अगर गरीबी और बेरोजगारी के चलते यूँ ही बैगा आत्मा हत्या करते रहे तो आने वाले समय में ये जनजाति वाकई समाप्त हो जायेगी।
मध्यप्रदेश में बैगा वनवासियों की स्थिति का यह आलम है,वनवासियों के नाम पर माल डकारने वाली संस्थाएं सिर्फ अपनी तिजोरी भरने में व्यस्त हैं.प्रशासन की असंवेदनशीलता मजरे-टोलों में आसानी से नजर आ जाती है . पता नहीं कब कलफ लगे कुरते में फंसे शरीर इन मानव रुपी देवताओं को पूजेंगे?