भोपाल -प्रदेश के निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन के लिए होने वाली डीमेट परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख से कॉलेज संचालकों में हड़कंप मच गया है। इसके तहत 2006 से अब तक प्राइवेट मेडिकल व डेंटल कॉलेजों की एमबीबीएस की 5000 और पीजी कोर्स की 1600 सीटों पर हुए एडमिशन संदेह के घेरे में आ गए हैं.
कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही सीबीआई को भी नोटिस भेजे हैं। व्यापमं घोटाले के व्हिसल ब्लोअर आनंद राय का आरोप है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने 10 साल में एडमिशन के नाम पर गैरकानूनी ढंग से 10 हजार करोड़ रुपए वसूले हैं। यह काला धन है। कॉलेज संचालकों ने इसकी कोई रसीद भी नहीं दी है। दलालों के जरिए एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में एडमिशन में 13 साल से गड़बड़ियां हो रही है। हाईकोर्ट में एक हजार से ज्यादा शिकायतें हुई हैं। पर कॉलेज संचालक हाईकोर्ट के नोटिस की भी अनदेखी करते रहे हैं।
कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि व्यापमं से भी बदतर हो सकता है डीमेट घोटाला।