Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 मप्र में गरीबी के चलते बच्चों का सौदा! (फोटो सहित) | dharmpath.com

Tuesday , 26 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » मप्र में गरीबी के चलते बच्चों का सौदा! (फोटो सहित)

मप्र में गरीबी के चलते बच्चों का सौदा! (फोटो सहित)

स्ांदीप पौराणिक

स्ांदीप पौराणिक

भोपाल, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की सरकार एक तरफ ‘हैप्पीनेस मंत्रालय’ बनाने का एलान कर रही है तो दूसरी ओर गरीबी के चलते लोग अपने बच्चों को बेचने के लिए मजबूर हो रहे है।

राजस्थान से भागकर दो ऐसे ही बच्चे उत्तर प्रदेश के झांसी पहुंचे हैं, जो शिवपुरी एवं गुना जिलों के निवासी हैं। इन बच्चों के मां-बाप ने इन्हें तीन हजार रुपये के लिए गिरवी रखा था।

गुना जिले के पिपरिया का निवासी काशीराम (12) और शिवपुरी के कनेरा चपरा का निवासी मुकेश (12) दोनों ही बच्चे बुधवार रात झांसी जिले के सीपरी थाना क्षेत्र के चंद्रपुरा गांव में भटकते पाए गए। इन बच्चों को नगर न्यायाधीश आर.पी. मिश्रा ने जिला प्राबेशन अधिकारी (डीपीओ) राजेष शर्मा के जरिए चाइल्ड लाइन को सौंपा है।

इन दोनों बच्चों को उनके मां-बाप ने एक दलाल के जरिए तीन हजार रुपये प्रतिमाह के मेहनताने पर राजस्थान के मवेशी कारोबारी को बेचा था। इन बच्चों को चरवाहे के काम पर लगाया गया था लेकिन खाने की कमी की वजह से ये झांसी भाग गए।

चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक कृष्णानंद यादव ने आईएएनएस को बताया, “बच्चों से पूछताछ में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। बच्चों के मां-बाप को बुलाकर उनसे पूछताछ की गई। काशीराम के पिता अमरसिंह ने गरीबी के चलते अपने दोनों बच्चों को एक मवेशी के पास बेचने जो की बात कबूली। काशीराम भागने में कामयाब रहा लेकिन दूसरा बच्चा अभी भी वहीं है।”

मुकेश की कहानी भी काशीराम जैसी ही है। उसके पिता ने भी उसे गिरवी रखा था। मुकेश के पिता हरीसिंह मजदूरी का काम करते हैं, उसने भी चाइल्ड लाइन को अपनी गरीबी और भुखमरी की कहानी सुनाते हुए मजबूरी में बच्चे को गिरवी रखने की बात बताई।

दोनों बच्चों के पिता बताते है कि उनके आसपास के कई गांव के बच्चे तीन से पांच हजार रुपये महीने के हिसाब से भेड़ बकरी का कारोबार करने वालों को दिए जा रहे है, यह सारा काम उनके क्षेत्र में एक एजेंट के माध्यम से होता हैं।

इससे पहले हरदा जिले में भी दो ऐसे ही बच्चे मिले थे, जिन्हें उनके मां-बाप ने गरीबी के चलते भेड़, बकरी चराने वालों के यहां गिरवी रखा था।

मध्य प्रदेश में बारिश नहीं होने और सूखे ने हालात बिगाड़ दिए हैं। यहां के 43 जिलों की 268 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित की जा चुकी हैं। खेती बुरी तरह चौपट है, रोजगार का संकट है और लोगों को रोजी-रोटी की तलाश में पलायन करना पड़ रहा है। बुंदेलखंड की भुखमरी की स्थिति पर तो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी सरकार को नोटिस जारी कर चुका है।

मप्र में गरीबी के चलते बच्चों का सौदा! (फोटो सहित) Reviewed by on . स्ांदीप पौराणिकस्ांदीप पौराणिकभोपाल, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की सरकार एक तरफ 'हैप्पीनेस मंत्रालय' बनाने का एलान कर रही है तो दूसरी ओर गरीबी के चलते लोग स्ांदीप पौराणिकस्ांदीप पौराणिकभोपाल, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की सरकार एक तरफ 'हैप्पीनेस मंत्रालय' बनाने का एलान कर रही है तो दूसरी ओर गरीबी के चलते लोग Rating:
scroll to top