अनिल सिंह(भोपाल)– मप्र भाजपा का सदस्यता अभियान मंजिल से कोसों दूर पिछड़ता नजर आ रहा है.आज तक की स्थिति में मात्र 15 लाख की सदस्यता यह तय कर पा रहा है वह भी तब जब भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य अपने पूरे दम-ख़म के साथ इस अभियान में जुटे हैं और लगभग 8 लाख की सदस्यता कर अपना योगदान बनाए हुए हैं .
महिला मोर्चा सदस्य तो बना रही है लेकिन उसमें सामंजस्य का अभाव नजर आ रहा है.सिर्फ कुछ पदाधिकारी ही दौड़ते नजर आ रहे हैं बाकी सब गुट-बाजी का शिकार हो घर बैठे हुए हैं.
25 तारीख को शिविर लगाने के बाद मात्र 2 लाख की सूची ही और जोड़ पायी भाजपा.यदि यही हाल रहा तो किसी भी तरह से लक्ष्य तक नहीं पहुंचा जा सकता.
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा सिर्फ उसके अध्यक्ष के इर्दगिर्द घूमता नजर आता है.अध्यक्ष न तो किसी को जोड़ते हैं और न ही जोड़ने का प्रयास करते है इस स्थिति में अल्पसंख्यक मोर्चा का योगदान शून्य नजर आता है.
मप्र में सदस्यता अभियान में ढाई करोड़ का लक्ष्य है यदि यही स्थिति रही तो सदस्य संख्या बढाने में होने वाले फर्जीवाड़े से इनकार नहीं किया जा सकता है.
मप्र भाजपा अनुसूचित जाति एवं जनजाति मोर्चा भी इस दौड़ से दूर ही है और योगदान उसका मात्र मुख्यालय तक ही सीमित है.