मध्यप्रदेश में सत्ता में पदस्थ किसी भी पार्टी का कार्यालय मंत्री एक महत्वपूर्ण भूमिका में होता है.पूर्व कार्यालय मंत्री आलोक संजर जो अब एक महत्वपूर्ण सीट से सांसद बन चुके हैं ने इस पद को एक नये आयाम प्रदान किए.
हमने नये कार्यालय मंत्री सत्येंद्र जी से बात की और उनके कुछ पहलू समझने की कोशिश की.
सत्येंद्र भूषण जी का जन्म उप्र में कालपी नामक स्थान के पास एक ग्रामीण परिवेश में हुआ.इनकी प्रारम्भिक एवम उच्चस्तरीय शिक्षा इटावा एवम झाँसी में हुई. सत्येंद्र जी ने 1994 में संघ के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में व्रत लिया और उसके बाद फतेहपुर,कानपुर,छतरपुर,रीवा सम्भाग ,जबलपुर और छिंदवाडा में सम्भाग प्रमुख की जिम्मेदारी निभायी.सत्येंद्र जी ने सहकारिता के क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया.
जब इनसे पूछा गया की आपके जीवन में आपका अध्यात्मिक पक्ष क्या है ,तब ये बोले की कार्य करने की सहज-सरल शैली ही इनका अध्यात्मिक पक्ष है .कार्यभार ग्रहण करते ही इन्होने कार्य शुरू किया लेकिन कुर्सी पर तब बैठेंगे जब मैहर दर्शन कर लौट आयेंगे.
इन्होने कहा की कार्यालय मंत्री को कार्यालय में ही उपस्थित रहना होगा और ये अपना पूरा प्रयास करेंगे की सभी कार्य न्यायपूर्ण ढंग से कर सकें.