(खुसुर-फुसुर)– मप्र भाजपा कार्यालय को नए सिरे से कैमरों से चाक-चौबंद क्या किया गया राजनीती के मित्र भी परिसर में आपस में चर्चा करने से घबराते हैं.
घटना यह हुई की दो राजनीतिज्ञों को आपस में कुछ ख़ास चर्चा करनी थी लेकिन उनमें से एक ने कहा की यहाँ अब साथ बात करना उचित नहीं यहाँ कैमरे लगे हुए हैं आईये बाहर गाडी में बैठ कर बात करते हैं और परिसर के बाहर निकल वे अपनी कार में बैठ कर रणनीति बनाते रहे.आपको इशारा कर दें की इनमे से एक महाशय चुनावी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और दुसरे पैनलिस्ट.बाहर तो दोनों ने एक दुसरे का दामन थाम रखा है लेकिन कार्यालय में अनजान दीखते हैं.