धर्मपथ- मप्र भाजपा में भाजपा अध्यक्ष द्वारा नयी टीम की घोषणा के बाद भाजपा अध्यक्ष ने संगठन में कसावट शुरू कर दी है.भाजपा संगठन में प्रवक्ताओं और मीडिया पैनेलिस्टों की भारी-भरकम फ़ौज है.इसका कारण यह है की मीडिया में पार्टी का पक्ष रखने के लिए लोग उपलब्ध रहें.लेकिन चुनावों के समय से शार्ट-कट नेताओं की चांदी हो गयी थी कई प्रवक्ताओं के चुनाव में शामिल होने से मीडिया पैनेलिस्टों ने प्रवक्ताओं की जगह संभाल ली थी जो पार्टी का पक्ष मीडिया के समक्ष रखते थे उस समय व्यस्तता के कारण किसी का ध्यान इस तरफ नहीं गया.
संगठन में अधिकाँश मीडिया पैनेलिस्ट वे है जिनका आम जन से कोई सरोकार नहीं है और न ही उनका कोई जनाधार है.नेताओं के साथ रहते-रहते उन्होंने पार्टी में एक स्थान ले लिया और प्रवक्ताओं के कार्य अघोषित रूप से संभाल लिया.स्थिति तो तब हास्यास्पद हो जाती थी जब नियुक्त प्रवक्ता अपने कमरे में बैठे रह जाते थे और पैनेलिस्ट बाहर आ कर इलेक्ट्रोनिक मीडिया को अपना बयान देते थे.
दरअसल अपनी नेतागिरी की चमक बढाने का एक साधन मीडिया को बना लिया गया था.मीडिया संस्थान भी इस गडबडझाले को समझ नहीं पाए और उनके बयान लेते रहे.रोजाना पार्टी के आधिकारिक बयान इन लोगों के द्वारा दिए जाने से आम-जन इन्हें ही पार्टी का चेहरा समझने लगा था.इस अव्यवस्था की ख़बरें जब भाजपा अध्यक्ष नन्द-कुमार सिंह के पास पंहुची तब उन्होंने कहा की पैनेलिस्ट कोई प्रवक्ता नहीं हैं और इस तरह भाजपा कार्यालय में उनका बयान देना संगठन के नियमों का उल्लंघन है.इस बयान के आते ही पैनेलिस्टों ने मीडिया को बयान देना बंद कर दिया .
सूत्रों ने बताया की भाजपा अध्यक्ष पार्टी में बढ़ रही अनुशासन हीनता से चिंतित हैं और भविष्य में और भी कड़े कदम उठाने वाले हैं.
सूत्रों ने यह भी बताया की पैनेलिस्टों के द्वारा प्रवक्ताओं के कार्य-क्षेत्र और अधिकारों पर अतिक्रमण कर लिया था जो भाजपा के संविधान का सरासर निरादर था.भाजपा का कहने वाले ही अपने राजनैतिक लाभ के लिए भाजपा संविधान को तार-तार पिछले एक वर्ष से कर रहे थे और जानते हुए भी कोई कुछ नहीं कर पा रहा था लेकिन भाजपा अध्यक्ष के संज्ञान में आते ही इस प्रकरण का पटाक्षेप हो गया एवं भाजपा अध्यक्ष की संगठन के प्रति सजगता सामने आई.