जबलपुर, 9 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक संजय पाठक के परिवार की जबलपुर में संचालित लौह अयस्क की दो खदानों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बंद कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने इसकी जांच के लिए छह सदस्यीय समिति गठित की है।
जिलाधिकारी भारत यादव ने सिहोरा क्षेत्र की दो खदानों को बंद करने के लिए शनिवार को एक आदेश जारी किए। ये खदानें पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक संजय पाठक के परिवार की कंपनी मेसर्स निर्मला मिनरल्स की हैं, जो सीहोरा क्षेत्र के अगरिया और दुबियारा ग्राम में संचालित हैं। इसकी जांच के लिए अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) के नेतृत्व में जांच समिति बनाई गई है।
आईएएनएस के पास उपलब्ध जिलाधिकारी के आदेश में कहा गया है, “सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका गोदा वर्मन विरुद्घ भारत सरकार एवं अन्य की सुनवाई करते हुए जारी किए गए आदेश के आधार पर इन खदानों को बंद कर जांच के लिए समिति गठित की गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश तीन मई को जारी किया था। दोनों खदानें लगभग 52 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हैं।”
सूत्रों का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका विचाराधीन है, जिसमें कहा गया है कि लौह अयस्क का खनन राजस्व भूमि पर नहीं, बल्कि वन भूमि पर किया जा रहा है। इस पर वन विभाग की ओर से भी यह बात कही गई थी कि खनन से वन भूमि को नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं वन विभाग के अधिकारी ने भी खदान बंद करने की बात कही थी।
जिलाधिकारी यादव ने शनिवार देर शाम संवाददाताओं से कहा, “सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन में दो खदानें बंद की गई हैं। यह जमीन किसकी है, खनन किस तरह हो रहा था, इसकी जांच के लिए समिति गठित की गई है। जांच रिपोर्ट को सर्वोच्च न्यायालय के समझ पेश किया जाएगा।”
यादव ने कहा, “खदानों की जांच के लिए जो समिति बनाई गई है, उसके प्रमुख एसडीएम हैं, और उसमें पांच अन्य सदस्य हैं। इस दल में राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है।”
ज्ञात हो कि संजय पाठक पूर्व में कांग्रेस के विधायक रहे हैं, उसके बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली। इस समय वह भाजपा के विधायक हैं, शिवराज सरकार में मंत्री भी रहे हैं।