जबलपुर, 20 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में बहती नर्मदा नदी में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है और रेत का अवैध खनन जारी है। इस नदी को बचाने के लिए जबलपुर में सत्याग्रह कर रहे नर्मदा मिशन के संस्थापक भैयाजी सरकार के समर्थन में विभिन्न वर्गो से जुड़े लोग भी आगे आए हैं। उन्होंने 21 मई को जबलपुर बंद का आान किया है।
मिशन की ओर से शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, नर्मदा जल सत्याग्रह के क्रम में शनिवार को आयोजित जबलपुर बंद को विभिन्न राजनैतिक दलों, आध्यात्मिक संगठनों, सामाजिक, सांस्कृतिक, मजदूर, छात्र युवा, महिला, अल्पसंख्यक एवं जन संगठनों ने समर्थन किया है।
भैय्याजी सरकार अमरकंटक से लेकर गुजरात तक नर्मदा के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरों से आम जनता और सरकार को दायित्वबोध कराने के लिए सत्याग्रह कर रहे हैं।
संपूर्ण नर्मदा क्षेत्र में अवैध रेत खनन रोकने, नर्मदा में मिल रहे गंदे नालों को बंद करने, नर्मदा परिक्रमा पथ पर चल रहे मांस और मदिरा के केंद्रों को बंद करने, नर्मदा किनारे परमाणु बिजली घर, लोहा, सीमेंट, बिजली के कारखाने, नर्मदा जल के औद्योगिक, व्यावसायिक दोहन और निजीकरण पर रोक लगाने नर्मदा जल सत्याग्रह कर रहे हैं।
इस आंदोलन के क्रम में जबलपुर संभाग के डिडोरी, मंडला, लखनादौन (सिवनी), छिदवाड़ा एवं जबलपुर के शाहपुरा, पाटन, मझोली, बरेला गौर आदि नगरों में नर्मदा को बचाने के लिए समाज के विभिन्न वर्ग अपना विरोध दर्ज कराते हुए बंद का आयोजन कर चुके हैं, जो पूरी तरह सफल रहा था।
इसी क्रम में शनिवार को जबलपुर बंद का आयोजन किया गया है। इस बंद को तमाम राजनीतिक और आध्यात्मिक संगठनों का साथ मिल रहा है। शनिवार को बंद के दौरान मढ़ाताल में सभा होगी। इस सभा में सभी वर्गो और संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।