मंडला, 29 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मंडला जिले की एक अदालत ने बुधवार को नरबलि मामले के छह दोषियों को मृत्युदंड दिया। दोषियों में तीन महिलाएं और इतने ही पुरुष शामिल हैं।
मंडला जिले के निवास क्षेत्र निवासी ब्रजलाल और उनकी पत्नी सुखवंत बाई अपने 10 वर्षीय बेटे सचिन के अर्से से बीमार होने की वजह से परेशान थे। उन्होंने उसके उपचार के लिए नजदीकी गांव तौरदरा में सोमवती अमावस्या पर कथित तांत्रिकों से झाड-फूंक कराने की सोची। तांत्रिकों ने बच्चे पर भूत का साया होने की बात कही।
निवास के थाना प्रभारी वर्षा पटेल ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि तांत्रिकों का कहना था कि बच्चे का पिता ब्रजलाल ही सोधन (डायन) है। लिहाजा बच्चे को स्वस्थ्य करने के लिए तांत्रिकों ने 26 अगस्त, 2014 को कर्म-कांड को अंजाम देते हुए ब्रजलाल के ऊपर तंत्र क्रिया की। उन्होंने ग्रामीणों की मौजूदगी में ब्रजलाल के गले में त्रिशूल घोंपा और उसके बाद उसे जिंदा जला दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने मौके से सात लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा घटनास्थल से नारियल, देवी-देवताओं की तस्वीर व पूजा सामग्री भी बरामद की गई थी।
अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश बी.के. पांडे की अदालत में पांच माह तक इस मामले की सुनवाई चली। न्यायाधीश ने बुधवार को नरबलि के मामले में छह लोगों को दोषी ठहराया और उन्हें मृत्युदंड दिया। दोषियों में तीन महिला व तीन पुरुष हैं।