इंदौर, 11 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य को बाल हृदय रोग मुक्त बनाने का ऐलान किया है।
इसके लिए मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना को नए रूप में लागू किए जाने के साथ दो लाख रुपये की वित्तीय सीमा को समाप्त किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को बाल हृदय उपचार योजना एवं राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत इंदौर में बाल हृदय अभियान के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि योजना में दो लाख रुपये की वित्तीय सीमा को समाप्त किया जाएगा। अभी तक पीड़ित को दो लाख रुपये की मदद दी जाती है। योजना में अब राशि की कोई सीमा नहीं होगी। हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के इलाज में जितनी भी राशि की जरूरत होगी, प्रशासन उपलब्ध कराएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का पता लगाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान में चिन्हित बच्चों का विशेषज्ञों के माध्यम से नि:शुल्क इलाज और ऑपरेशन कराया जाएगा। सभी खर्च राज्य शासन द्वारा उठाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर दिल्ली, चेन्नई, मुंबई सहित अन्य शहरों के बड़े अस्पतालों में भी इलाज व ऑपरेशन कराए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में थैलेसीमिया और मधुमेह से पीड़ित बच्चों के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था भी की जाएगी।
मेदांता मेडिसिटी के चीफ काíडयो सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान ने इस मौके पर कहा कि राज्य शासन द्वारा बाल हृदय उपचार योजना सहित कई अनूठी योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं से सिर्फ पीड़ितों को ही लाभ नहीं हो रहा बल्कि उनके पूरे परिवार और समाज को भी लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इंदौर के मेदांता अस्पताल में जल्दी ही हार्ट एवं लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन की बाल हृदय उपचार योजना में इंदौर जिले में 371 बाल हृदय रोगियों की पहचान की गई है। इन्हें इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल, अपोलो हॉस्पिटल, मेदांता हॉस्पिटल आदि में भर्ती कराकर निशुल्क ऑपरेशन कराया जा रहा है। ऑपरेशन का पूरा खर्च प्रशासन उठाएगा।