Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 मप्र की सियासत में दांव पर रियासतें | dharmpath.com

Thursday , 28 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » मप्र की सियासत में दांव पर रियासतें

मप्र की सियासत में दांव पर रियासतें

भोपाल, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की विभिन्न रियासतों के वारिस भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने जहां चार राजघरानों या रियासतों के प्रतिनिधियों को मैदान में उतारा है, वहीं भाजपा ने एक पर दांव लगाया है।

भोपाल, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की विभिन्न रियासतों के वारिस भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने जहां चार राजघरानों या रियासतों के प्रतिनिधियों को मैदान में उतारा है, वहीं भाजपा ने एक पर दांव लगाया है।

राज्य की 29 लोकसभा सीटों पर मुकाबला रोचक है। मुख्य दल भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। कहीं-कहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले चुनाव में राज्य की 29 सीटों में से 27 पर भाजपा और दो पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। बाद में एक उपचुनाव में कांग्रेस ने एक और सीट जीत ली थी।

राज्य में चुनाव कोई भी हो, रियासतों या यूॅ कहें राजघरानों के प्रतिनिधि ताल ठोकते नजर आ जाते हैं। इस बार कांग्रेस ने गुना संसदीय सीट से सिंधिया राजघराने के प्रतिनिधि ज्योतिरादित्य सिंधिया, भोपाल से राघौगढ़ रियासत के प्रतिनिधि दिग्विजय सिंह, सीधी से चुरहट रियासत के अजय सिंह, खजुराहो से छतरपुर राजघराने की कविता सिंह को मैदान में उतारा है।

इसके अलावा भाजपा ने आदिवासी राजघराने से नाता रखने वाली हिमाद्री सिंह पर दांव लगाया है। इन पांच राजघरानों के प्रतिनिधियों में सिर्फ सिंधिया ही ऐसे हैं, जिन्होंने पिछला लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता है।

सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख सिंधिया राजघराने के प्रतिनिधि ज्योतिरादित्य सिंधिया पांचवीं बार गुना संसदीय क्षेत्र से मैदान में हैं। बीते चार चुनाव उन्होंने लगातार जीते हैं। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार के. पी. यादव से है। यादव कभी सिंधिया के करीबी और उनके सांसद प्रतिनिधि हुआ करते थे। यह संसदीय क्षेत्र सिंधिया घराने के प्रभाव वाला क्षेत्र है। इसी संसदीय क्षेत्र के शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया भाजपा की विधायक हैं।

इन दिनों देश की चर्चित सीटों में से एक भोपाल में राघौगढ़ के प्रतिनिधि दिग्विजय सिंह का मुकाबला भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से है। दोनों उम्मीदवार पहली बार इस संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। भोपाल संसदीय क्षेत्र पर बीते आठ चुनावों से भाजपा उम्मीदवार जीतते आ रहे हैं। कांग्रेस ने वर्ष 1984 में यहां अंतिम बार जीत दर्ज की थी।

दिग्विजय सिंह राज्यसभा सांसद हैं और पूर्व में वह राजगढ़ लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं।

खजुराहो संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने छतरपुर राजघराने की प्रतिनिधि कविता सिंह को मैदान में उतारा है। कविता सिंह के पति विक्रम सिंह उर्फ नाती राजा राजनगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं। यहां कविता सिंह का मुकाबला भाजपा के वी.डी. शर्मा से है। परिसीमन के बाद हुए दो चुनावों में यहां भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी।

सीधी संसदीय क्षेत्र से चुरहट रियासत के प्रतिनिधि और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह पर कांग्रेस ने दांव लगाया है। अजय सिंह का मुकाबला भाजपा सांसद रीति पाठक से है। आदिवासी प्रभाव वाली इस सीट पर पिछले दो चुनावों से भाजपा के उम्मीदवार जीते हैं। अजय सिंह पहली बार इस संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछला चुनाव उन्होंने सतना से लड़ा था, मगर वहां उन्हें सफलता नहीं मिली थी।

भाजपा ने शहडोल संसदीय सीट से हिमाद्री सिंह को मैदान में उतारा है। हिमाद्री सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हैं। हिमाद्री का नाता राज गोड़ परिवार से है। हिमाद्री ने उप-चुनाव कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था, मगर उन्हें हार मिली थी। उसके बाद वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गई और भाजपा ने उन्हें टिकट दे दिया।

राजनीतिक विश्लेषक संतोष द्विवेदी का कहना है, “राजनीतिक दल राजघरानों या रियासतों के प्रभाव के चलते उम्मीदवार तय कर देते हैं, मगर इन परिवारों का असर उतना नहीं है कि सिर्फ घराने के आधार पर जीत मिल जाए। सिंधिया राजघराने का ग्वालियर-गुना में प्रभाव है, इसे नहीं नकारा जा सकता। इस परिवार का राजनीति करने का तरीका औरों से जुदा है, लिहाजा उसी के चलते उन्हें लोग वोट करते हैं न कि सिर्फ राजघराने के कारण।”

मप्र की सियासत में दांव पर रियासतें Reviewed by on . भोपाल, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की विभिन्न रियासतों के वारिस भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने जहां चार राजघरानों या रियासतों के भोपाल, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की विभिन्न रियासतों के वारिस भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने जहां चार राजघरानों या रियासतों के Rating:
scroll to top