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 मप्र : किसानों की समस्या निपटाने समिति बनेगी, प्रस्तावित आंदोलन वापस (लीड-1) | dharmpath.com

Tuesday , 26 November 2024

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मप्र : किसानों की समस्या निपटाने समिति बनेगी, प्रस्तावित आंदोलन वापस (लीड-1)

भोपाल, 29 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन की आग भड़कने से पहले राज्य सरकार ने उसे शांत करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, जिसमें उसे सफलता भी मिली है। सरकार द्वारा किसान समस्याओं के निपटारे के लिए राज्यस्तरीय समिति बनाए जाने के आश्वासन पर भारतीय किसान मजदूर महासंघ ने प्रस्तावित आंदोलन बुधवार को वापस ले लिया। जबकि सरकार आंदोलनरत भारतीय किसान यूनियन से बात करने वाली है।

राज्य के किसानों की कर्जमाफी सहित अन्य मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर बुधवार से किसान तीन दिवसीय आंदोलन पर हैं। इस आंदोलन का पहले दिन राज्य में मिला-जुला असर रहा। दूसरी ओर भारतीय किसान मजदूर महासंघ एक जून से आंदोलन का ऐलान कर चुका था।

किसान आंदोलन जोर न पकड़े, इसे ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को भारतीय किसान मजदूर महासंघ के प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए बुलाया और उनकी समस्याओं को सुनने के बाद आश्वासन दिया। इस पर महासंघ ने प्रस्तावित हड़ताल वापस ले ली है। महासंघ ने एक से पांच जून तक हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था।

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष देव नारायण पटेल ने किसानों के प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ हुई चर्चा को संवाद का सार्थक प्रयास बताया और कहा कि “महासंघ की पहली प्राथमिकता चर्चा के जरिए किसानों की समस्याओं का समाधान है। चर्चा से ऐसा लगा कि सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर और संवेदनशील है। इसलिए एक जून से प्रस्तावित हड़ताल वापस ली जाती है।”

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महासंघ के प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्यस्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की है। यह समिति सरकार और किसानों के बीच समन्वय का काम करेगी। इसके साथ ही उन्होंने जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अमल की समस्याओं के समाधान के लिए जिलास्तर पर अपील कमेटी भी गठित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, “ऋणमाफी को लेकर कुप्रचार किया गया, लेकिन हम उसकी परवाह नहीं करते। हमारी चिंता यह है कि किसानों की ऋणमाफी वचन पत्र के मुताबिक हो और हर पात्र किसान को इसका लाभ मिले। ऋणमाफी की प्रक्रिया में जो व्यवहारिक कठिनाइयां आई हैं और किसानों के बीच इसको लेकर जो भ्रम है, उसे दूर करने के लिए शासन तत्पर है। सरकार प्रदेश में ‘कर्ज में किसान का जन्म होता है और कर्ज में ही उसकी मृत्यु’ की धारणा को मिटा देना चाहती है।”

मुख्यमंत्री ने सब्जी, फल और दूध उत्पादक किसानों की समस्याओं के समाधान में विशेष दिलचस्पी दिखाते हुए कहा कि इस संबंध में शासन स्तर पर एक अलग से बैठक होगी, जिसमें वह स्वयं उपस्थित रहकर फल, सब्जी और दूध उत्पादक किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे।

इस बीच, भारतीय किसान यूनियन ने बुधवार से तीन दिवसीय आंदोलन शुरू कर दिया है। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि “मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से संवाद के लिए आमंत्रित किया गया है। उनसे चर्चा के बाद ही यूनियन आगे आंदोलन के संदर्भ में फैसला करेगा।”

यूनियन का आरोप है, “राज्य सरकार ने किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ किए जाने का वादा किया था। किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया है, जिसके चलते किसानों को बैंक के नोटिस आ रहे हैं। किसानों को डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता है। इन हालातों में किसानों की आत्महत्या भी बढ़ सकती है। सरकार का इस ओर ध्यान दिलाए जाने को लेकर ही यह आंदोलन किया जा रहा है।”

ज्ञात हो कि राज्य में जून 2017 में हुए किसान आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था। मंदसौर के पिपलियामंडी में पुलिस ने गोलीबारी की थी, जिसमें पांच किसानों की मौत हुई थी। उस आंदोलन की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए वर्तमान सरकार ने पहले ही एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

मप्र : किसानों की समस्या निपटाने समिति बनेगी, प्रस्तावित आंदोलन वापस (लीड-1) Reviewed by on . भोपाल, 29 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन की आग भड़कने से पहले राज्य सरकार ने उसे शांत करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, जिसमें उसे सफलता भी मिली है। भोपाल, 29 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन की आग भड़कने से पहले राज्य सरकार ने उसे शांत करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, जिसमें उसे सफलता भी मिली है। Rating:
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