भोपाल, 16 अक्टूबर- मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षकों (कांस्टेबल) की भर्ती के लिए वर्ष 2012 में हुई परीक्षा में कई प्रतियोगियों को सफल योग्यता के बल पर नहीं बल्कि लेन-देन से मिली थी, यह खुलासा विशेष कार्यदल (एसटीएफ) द्वारा भोपाल के जिला न्यायालय में पेश किए गए पूरक चालान से हुआ है। राज्य में पुलिस आरक्षकों की भर्ती के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) ने वर्ष 2012 में प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई थी, यह खुलासा एसटीएफ द्वारा की जा रही पीएमटी परीक्षा फर्जीवाड़े की जांच के दौरान हुआ था। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता सुधीर शर्मा सहित कई अन्य गिरफ्तारियां हुई, जो अभी जेल में हैं।
एसटीएफ ने गुरुवार को आरक्षक भर्ती में हुई गड़बड़ी को लेकर भोपाल के जिला न्यायालय में लगभग 400 पेज का पूरक चालन पेश किया। जांच अधिकारी डी. के. शर्मा ने बताया कि जांच में पाया गया है कि आरक्षक भर्ती में लेन देन भी हुआ है, इसमें सुधीर शर्मा सहित सात अन्य लोगों की भूमिका रही है, इसका जिक्र भी पूरक चालान में किया गया है।