भोपाल- मध्य प्रदेश में हो रहे नगरीय निकाय चुनाव में डैमेज कंट्रोल में जुटे बीजेपी और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. दोनों ही राजनीतिक दलों की बागियों को मनाने की कवायद फेल हो गयी. तीसरे दल और निर्दलीय के तौर पर बड़ी संख्या में बागी अब भी मैदान में हैं. नामांकन वापसी के आखिरी दिन बीजेपी और कांग्रेस की बागियों को मनाने की कोशिशों के बावजूद सिर्फ 32 महापौर उम्मीदवारों ने नाम वापस लिए, जबकि 4 उम्मीदवारों के नामांकन त्रुटि के कारण निरस्त कर दिए गए. अब प्रदेश की 16 नगर निगम में महापौर पद के लिए कुल 145 उम्मीदवार चुनाव मैदान में ताल ठोकते नजर आएंगे.
पार्षद पद के लिए भी सियासी दलों की कोशिश सफल होती हुई नजर नहीं आयी. पार्षद पद के लिए कुल 36011 नामांकन दाखिल हुए थे. नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन 8322 उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिए. जबकि 896 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हो गए. अब पार्षद पद के लिए 26582 उम्मीदवार
यदि नगरीय निकायवार नजर डालें तो खंडवा में महापौर पद के लिए 5 उम्मीदवार मैदान में हैं. देवास में 6 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां कांग्रेस की बागी उम्मीदवार मनीषा चौधरी भी कांग्रेस को चुनौती दे रही हैं.
रतलाम में 7 प्रत्याशी मैदान में हैं. यहां बीजेपी की बागी सीमा टांके ने नामांकन वापस ले लिया है लेकिन अरुण राव मैदान में हैं.
बुरहानपुर में 7 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसमें निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं. जबकि कांग्रेस के एक निर्दलीय बागी उम्मीदवार कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने के लिए तैयार हैं.
छिंदवाड़ा में 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी और कांग्रेस का 1-1 बागी यहां पर सियासी दलों की टेंशन बढ़ाने के लिए तैयार है.
सतना नगर निगम में महापौर पद के लिए 9 प्रत्याशी मैदान में हैं.
भोपाल में महापौर पद के लिए 8 महिला प्रत्याशी मैदान में हैं.
रीवा में 14 उम्मीदवारों में से एक उम्मीदवार ने नाम वापस लिया है. अब 13 प्रत्याशी मैदान में हैं.
मुरैना में अब कुल 6 प्रत्याशी हैं. कांग्रेस की बागी अनिता चौधरी ने भी नामांकन दाखिल किया है.
बीजेपी का दावा है नगरीय निकाय चुनाव में बागियों को मना लिया गया है और बड़ी संख्या में भाजपाई भाजपा के समर्थन में आ गए हैं.वही बागियों से परेशान कांग्रेस लगातार बैठक कर रही है. कमलनाथ ने महाराष्ट्र से लौटते ही भोपाल नगर निगम के सभी वार्ड प्रत्याशियों की बैठक बुलाई. कमलनाथ ने उम्मीदवारों से कहा है कि जो रूठे हैं उन्हें मनाइए और जरूरत पड़े तो उनके पांव पकड़कर साथ लाइए. कांग्रेस का दावा है कि 90 फीसदी बागियों को मना लिया गया है और आखिरी समय तक नाराज नेता और कार्यकर्ताओं को पार्टी के समर्थन में लाकर खड़ा किया जाएगा.
नामांकन वापसी के बाद 16 नगर निगम में उम्मीदवारों की संख्या पर नजर डालें तो,
मुरैना से 6
ग्वालियर 7
सागर 8
सतना 9
रीवा 13
सिंगरौली 12
कटनी 12
जबलपुर 11
छिंदवाड़ा 10
भोपाल 8
देवास 6
खंडवा 5
बुरहानपुर 7
इंदौर 19
उज्जैन 5
रतलाम 7 उम्मीदवार समेत 145 चुनाव मैदान में हैं.
जो तस्वीर निकल कर सामने आई है वह बता रही है बीजेपी और कांग्रेस की प्रेशर पॉलिटिक्स बागियों पर ज्यादा असर नहीं डाल पाई है. अब देखना यह होगा कि नगरीय निकाय चुनाव में सियासी दलों के बागी बीजेपी और कांग्रेस का गणित कितना बिगाड़ पाते हैं.