भोपाल। मध्यप्रदेश में निसर्ग तूफान के कारण बुधवार रात हुई बारिश से खरीदी केंद्रों पर रखे गेहूं को भारी नुकसान हुआ है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि, बेमौसम बारिश के कारण ये नुकसान हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में शासन-प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. चना और सरसों की खरीदी हम वेयर हाउस में कर रहे थे, इसलिए उसमें नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन गेहूं खरीदी के हमने 4500 केंद्र बनाए थे. इसलिए कहीं- कहीं नुकसान की खबर है. मंत्री ने कहा कि, किसानों और शासन की खरीदी गई फसल का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. किसान खून पसीना बहा कर मेहनत से अनाज का उत्पादन करता है. इसलिए उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की है.कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि, ये बेमौसम बरसात हो रही है. अभी मानसून नहीं था और प्रकृति पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है, लेकिन मध्यप्रदेश की सरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में सतर्क है. हम पांचों मंत्री मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में काम कर रहे हैं. कमल पटेल ने कहा है कि, इस बारिश से जो समस्या है. उसके लिए चना और सरसों की खरीदी नेफेड के माध्यम से हो रही है. ये खरीदी वेयर हाउस में कराई जा रही है. इसलिए इनका कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन गेहूं के लिए हमने गांव-गांव में 4500 खरीदी केंद्र किसानों को सुविधा देने के लिए बनाए थे. इसलिए गेहूं निश्चित रूप से खुले में रखा था, वहां पर हमने बरसाती डलवाई है. किसानों के ट्रैक्टर पर भी हमने बरसाती डलवाई है. किसान, प्रशासन और शासन मिलकर जितना कम नुकसान हो सकता है, वो प्रयास कर रहे हैं. वेयर हाउस के अंदर अधिक से अधिक माल डाल रहे हैं. प्रायवेट ट्रक का अधिग्रहण कर रहे हैं, ताकि किसानों के गेहूं का नुकसान ना हो. शासन का भी नुकसान ना हो, गेहूं खराब ना हो, जितने भी वेयर हाउस हैं, सब में अधिग्रहण किए जा रहे हैं. निजी वेयर हाउस का भी अधिग्रहण कर रहे हैं. इस प्रकार शासन सतर्क है.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि, ये बेमौसम बरसात हो रही है. अभी मानसून नहीं था और प्रकृति पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है, लेकिन मध्यप्रदेश की सरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में सतर्क है. हम पांचों मंत्री मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में काम कर रहे हैं. कमल पटेल ने कहा है कि, इस बारिश से जो समस्या है. उसके लिए चना और सरसों की खरीदी नेफेड के माध्यम से हो रही है. ये खरीदी वेयर हाउस में कराई जा रही है. इसलिए इनका कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन गेहूं के लिए हमने गांव-गांव में 4500 खरीदी केंद्र किसानों को सुविधा देने के लिए बनाए थे. इसलिए गेहूं निश्चित रूप से खुले में रखा था, वहां पर हमने बरसाती डलवाई है. किसानों के ट्रैक्टर पर भी हमने बरसाती डलवाई है. किसान, प्रशासन और शासन मिलकर जितना कम नुकसान हो सकता है, वो प्रयास कर रहे हैं. वेयर हाउस के अंदर अधिक से अधिक माल डाल रहे हैं. प्रायवेट ट्रक का अधिग्रहण कर रहे हैं, ताकि किसानों के गेहूं का नुकसान ना हो. शासन का भी नुकसान ना हो, गेहूं खराब ना हो, जितने भी वेयर हाउस हैं, सब में अधिग्रहण किए जा रहे हैं. निजी वेयर हाउस का भी अधिग्रहण कर रहे हैं. इस प्रकार शासन सतर्क है.