Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 मद्रास हाईकोर्ट ने चोल वंश की आलोचना करने पर फिल्मकार के ख़िलाफ़ दर्ज केस रद्द किया | dharmpath.com

Sunday , 24 November 2024

Home » धर्मंपथ » मद्रास हाईकोर्ट ने चोल वंश की आलोचना करने पर फिल्मकार के ख़िलाफ़ दर्ज केस रद्द किया

मद्रास हाईकोर्ट ने चोल वंश की आलोचना करने पर फिल्मकार के ख़िलाफ़ दर्ज केस रद्द किया

December 2, 2021 7:13 pm by: Category: धर्मंपथ Comments Off on मद्रास हाईकोर्ट ने चोल वंश की आलोचना करने पर फिल्मकार के ख़िलाफ़ दर्ज केस रद्द किया A+ / A-

नई दिल्लीः मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने फिल्मकार पा. रंजीत के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर रद्द कर दी है. दरअसल पा. रंजीत ने 2019 में यह कहकर चोल वंश की आलोचना की थी कि इस वंश के शासनकाल में दलितों पर अत्याचार किए गए थे.

जाति विरोधी नेता टीएम उमर फारुख की पुण्यतिथि के मौके पर पांच जून 2019 को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रंजीत ने राजा राज चोलन की यह कहकर आलोचना की थी कि उनके शासनकाल में जाति व्यवस्था प्रचलन में थी, जिसके दौरान दलितों की जमीनों को जब्त किया गया और देवदासी प्रणाली शुरू की गई.

इसके बाद तंजावुर पुलिस ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए रंजीत के खिलाफ जातिगत दुश्मनी पैदा करने के आरोप में मामला दर्ज किया.

शिकायत में कहा गया कि रंजीत ने कहा था कि वह उन मवेशियों का मांस खाते हैं, जिसे समाज के अन्य वर्ग पूजते हैं.

रंजीत की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जी. इलांगोवन की पीठ ने कहा कि फिल्मकार के विचार केवल जाति व्यवस्था को लेकर चिंता को दिखाते हैं और उससे आगे इसे उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे चलाने के लिए नहीं बढ़ाया जा सकता.

आदेश में कहा गया कि रंजीत के विचार ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित थे.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जज ने अपने आदेश में कहा, ‘उत्पीड़कों की आवाज उत्पीड़न और अपराधीकरण के लिए नहीं है लेकिन सुने जाने, चर्चा और समाधान के लिए है. जाति व्यवस्था, इसकी शुरुआत, इसके प्रभाव और दुष्प्रभाव सबसे ज्यादा चर्चित विषय हैं, जिन्हें इसकी शुरुआत से ही बोला जा रहा है.’

जज ने कहा कि इतिहास से पता चलता है कि जाति व्यवस्था ने समाज के एक वर्ग के दमन का मार्ग प्रशस्त किया और भूमिहीन गरीबों के एक समाज का निर्माण किया.

स्वतंत्रता के बाद भारत ने सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक सुधारों के रूप में कदम उठाए और संविधान ने सभी नागरिकों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया.

जस्टिस इलांगोवन ने कहा, ‘पत्थर के शिलालेखों, ताम्रपत्रों आदि के जरिये चोल युग के इतिहास का अध्ययन करने पर इतिहासकारों को पता चला कि चोल वंश के दौरान जाति व्यवस्था प्रचलित थी. पुलिस इस तरह की टिप्पणी करने वाले इतिहासकारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती. इतिहास का मुख्य उद्देश्य मौजूदा समय के समाज को सुधारने के लिए अतीत के समाज से सबक लेना है.’

जज ने कहा, ‘लेकिन इस समय याचिकाकर्ता द्वारा पेश किए गए विचारों से पता चलता है कि ये तथ्य सिर्फ इतिहास की किताबों से इकट्ठा किए गए हैं और उन्होंने खुद से इस पर कोई शोध नहीं किया इसलिए मौजूदा समय में चोल युग की आलोचना करना भले ही उचित नहीं हो लेकिन यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत प्रदत्त अधिकारों की सीमा से अधिक नहीं है. इन टिप्पणियों का उद्देश्य दो समूहों के लोगों के वीच वैमनस्य पैदा करना नहीं था.’

जज ने कहा कि शिकायत के मुताबिक रंजीत द्वारा इस्तेमाल में लाए जाने वाला अपमानजनक शब्द यह है कि समाज का एक वर्ग मवेशियों को भगवान की तरह पूजता है लेकिन दलित उन्हें खाते हैं. इस पर जज ने कहा, ‘यह भारतीय समाज, विविध संस्कृति, भोजन की आदतें आदि की व्यवस्था है. इससे आगे इन्हें लेकर उन पर आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता.’

जज ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ आदेशों का हवाला देकर कहा, ‘बिना किसी हिचक के हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि दो समूहों के लोगों के बीच वैमनस्य पैदा करने की याचिकाकर्ता की ओर से ऐसी कोई मंशा नहीं थी.’

जज ने कहा कि रंजीत के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रहना कानून की प्रक्रिया का उल्लंघ होगा इसलिए याचिकाकर्ता की याचिका स्वीकार कर उनके खिलाफ दायर याचिका को रद्द किया जाता है.

मद्रास हाईकोर्ट ने चोल वंश की आलोचना करने पर फिल्मकार के ख़िलाफ़ दर्ज केस रद्द किया Reviewed by on . नई दिल्लीः मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने फिल्मकार पा. रंजीत के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर रद्द कर दी है. दरअसल पा. रंजीत ने 2019 में यह कहकर चोल वंश की आलोचना की नई दिल्लीः मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने फिल्मकार पा. रंजीत के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर रद्द कर दी है. दरअसल पा. रंजीत ने 2019 में यह कहकर चोल वंश की आलोचना की Rating: 0
scroll to top