नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को पाइपलाइन या अन्य उपायों से गैस की उपलब्धता सुनिश्चित होने तक नाफ्था उपयोग करने वाले तीन ऊर्वरक संयंत्रों में यूरिया उत्पादन जारी रखने को मंजूरी दी।
मनाली का मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, मैंगलोर का मैंगलोर केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और तूतीकोरिन का साउदर्न पेट्रो केमिकल्स इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन पाइपलाइन या अन्य माध्यमों के जरिए गैस आपूर्ति शुरू हो जाने तक नाफ्था का उपयोग कर पाएंगे।
केंद्रीय रसायन और ऊर्वरक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन तीन संयंत्रों में संचालन जारी रहने से दक्षिण भारत में खरीफ मौसम में यूरिया आपूर्ति की समस्या कम हो जाएगी।
बयान में कहा गया है कि सीसीई की दिसंबर 2014 की बैठक में यह फैसला किया गया था कि तमिलनाडु और कर्नाटक नाफ्था पर मूल्य संवर्धित कर या प्रवेश शुल्क नहीं लगाएंगे।
इन तीन इकाइयों के अलावा पूरे दक्षिणी क्षेत्र में काकीनाड़ा में केवल दो यूरिया इकाइयां हैं और यदि इन तीन इकाइयों को बंद कर दिया जाता है तो समूचे दक्षिणी क्षेत्र की पूरी यूरिया जरूरत को आयात के जरिए पूरा किया जाएगा। इन तीन इकाइयों के संचालन को जारी रखे जाने से दक्षिणी क्षेत्र में आगामी खरीफ सीजन में यूरिया की आपूर्ति में आने वाली समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।
तीनों संयंत्र की कुल यूरिया उत्पादन क्षमता 14.88 लाख टन है और इनसे कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल में पूरे वर्ष आपूर्ति होती है, जहां की कुल मांग करीब 22.5 लाख टन सालाना है।